ओमप्रकाश बजाज की बाल-कविताओं का संग्रह

बाल-कविताओं का संग्रह: ओमप्रकाश बजाज

फर्नीचर: ओमप्रकाश बजाज

थोड़ा-बहुत फर्नीचर तो हर घर में होता है,
सोने, उठने-बैठने, रखने को कुछ तो होता है।

आजकल सोफा भी जरूरी है, अलमारी भी,
बच्चों के पढ़ने के लिए एकाध मेज-कुर्सी भी।

पहले लोग बढ़ई को बुला कर लकड़ी लाकर,
घर में ही फर्नीचर पसंद और नाप का बनवाते थे।

फैशन से अधिक महत्व मजबूती को देते थे,
ऐसे सामान पीढ़ियों तक चलते रहते थे।

अब सजावट दिखावे का जमाना है,
दहेज में भी नए डिजाइन का फर्नीचर आना है।

अब फर्नीचर की बड़ी-बड़ी दुकानें होती हैं,
जो लच्छेदार बातों से ग्राहकों का मन मोह लेती हैं।

ओमप्रकाश बजाज

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