गिलहरी: ओमप्रकाश बजाज
गिलहरी की उछल-कूद पर
दे कर देखो ध्यान,
नन्हे से इस जीव की
देखो आन-बान और शान।
एक क्षण यह नजर आती है
बैठी पेड़ की फुंगी पर,
दूसरे पल यह दिख जाती है
पेड़ के निचे धरती पर।
पंजों में थामे कोई वस्तु
मजे-मजे में कुतरती,
खाने की चीजों का गिलहरी
संग्रह भी है करती।
लंका विजय हेतु सेतु निर्माण में
इसने भी भूमिका निभाई,
श्री राम ने शाबाशी देते
पीठ इसकी सहलाई।