मौसम: ओमप्रकाश बजाज
अलग-अलग ऋतुएं आती हैं।
हमारे ओढ़ने पहनने खाने-पीने में,
काफी परिवर्तन ले आती है।
सर्दी में हम गर्म कपड़े पहनते हैं,
रजाई-कम्बल के बिस्तर में सोते हैं।
गर्म पानी से नहाते हैं, चाय पीते हैं,
धुप में बैठते-लेटते सुस्ताते हैं।
गर्मी में पंखे कूलर ए.सी. चलते हैं,
ठंडे पानी से प्राप्तः सायं नहाते हैं।
शरबत लस्सी शीतल पेय पीते हैं,
हल्के सूती ढीले कपड़े पहनते हैं।
मानसून की वर्षा के काले बादल
घिर-घिर आते खुशियां लाते हैं।
हर ओर हरियाली की चादर डाल
मौसम को सुहाना बना देते हैं।