ओमप्रकाश बजाज की बाल-कविताओं का संग्रह

बाल-कविताओं का संग्रह: ओमप्रकाश बजाज (भाग 2)

हमारा संसार: ओमप्रकाश बजाज

कितना सुंदर कितना प्यारा
कितना अद्भुत हमारा यह संसार।

नदियों का कहीं जाल बिछा है,
कहीं बर्फ से ढंके पहाड़।

महानगर और नगर यहां हैं,
गांवो कस्बों का विस्तार।

बाग़-बगीचे वन और उपवन,
रंग बिरंगी पुष्प बहार।

सूर्य-चन्द्रमा नील गगन भी,
रिमझिम वर्षा की पड़े फुहार।

समय-समय पर बदलते मौसम,
लाते फलों सब्जियों के उपहार।

इस संसार की सुरक्षा हेतु,
आओ हम भी रहें तैयार।

~ ओमप्रकाश बजाज

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