पानी - ओमप्रकाश बजाज Hindi Poem on Importance of Water

पानी – ओमप्रकाश बजाज Hindi Poem on Importance of Water

पानी अपना रास्ता स्वयं बनाता है,
हमेशा ढलान की ओर जाता है।

बहता पानी निर्मल शुद्ध रहता है,
खड़ा हुआ पानी सड़ जाता है।

पानी का तेज बहाव अपने साथ,
बड़े-बड़े पत्थर, पेड़ बहा ले जाता है।

मीठा पानी पीने के काम आता है,
शहरों में नलों से पहुंचाया जाता है।

वर्षा ऋतु में नदियों में बाढ़ आती है,
तबाही मचाती है कहर ढाती है।

धीरे-धीरे पानी की कमी हो रही है,
पानी बचाने की कोशिशें  हो रही हैं।

तुम भी पानी बेकार न बहाओ,
जल जीवन, कभी न भुलाओ।

~ ओमप्रकाश बजाज

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