मौसम से बसन्त
फिर मिल कर समय गुज़ारें
पीले फूलों सूर्योदय की परछाई
हवा की पदचापों में
चिडियों की चहचहाटों के साथ
फागुनी संगीत में फिर
तितलियों से
रंग और शब्द लेकर
हम गति बुनें
चलो मिल कर बटोर लाएँ।
मौसम से बसन्
और देखें दुबकी धूप
कैसे खिलते गुलाबों के ऊपर
पसर कर रोशनियों की
तस्वीरें उकेरती है
उन्हीं उकेरी तस्वीरों से
ओस क्रण चुने
चलो मिल कर बटोर लाएँ।