फूलों का तारों का सबका का कहना है - आनंद बक्षी

फूलों का तारों का सबका का कहना है: आनंद बक्षी

फूलों का तारों का, सबका कहना है
एक हज़ारों में मेरी बहना है
सारी, उमर, हमें संग रहना है
फूलों…

Phoolon Ka Taron Ka Sabka Ka Kehna Haiये न जाना दुनिया ने तू है क्यूँ उदास,
तेरी प्यासी आँखों में प्यार की है प्यास,
आ मेरे पास आ, कह जो कहना है, एक हज़ारों…

भोली-भाली जापानी गुड़िया जैसी तू,
प्यारी-प्यारी जादू की पुड़िया जैसी तू,
डैडी का मम्मी का, सब का कहना है, एक हज़ारों…

जब से मेरी आँखों से हो गई तू दूर
तब से सारे जीवन के सपने हैं चूर
आँखों में नींद ना, मन में चैना है, एक हज़ारों…

देखो हम तुम दोनो हैं एक डाली के फूल
मैं न भूला तू कैसे मुझको गई भूल
आ मेरे पास आ, कह जो कहना है, एक हज़ारों…

जीवन के दुखों से, यूँ डरते नहीं हैं
ऐसे बचके सच से गुज़रते नहीं हैं
सुख की है चाह तो, दुख भी सहना है, एक हज़ारों…

आनंद बक्षी

चित्रपट: हरे रामा हरे कृष्णा (१९७१)
निर्माता, निर्देशक, लेखक: देव आनंद
गीतकार: आनंद बक्षी
संगीतकार: आर. डी. बर्मन (राहुल देव बर्मन)
गायक: लता मंगेशकर, किशोर कुमार
सितारे: देव आनंद, जीनत अमान, मुमताज़

Hare Rama Hare Krishna (1971): The film is about a Montreal-based Indian family, the Jaiswals. The brother Prashant (Dev Anand) and sister Jasbir (Zeenat) have a good relationship as children. However, the parents quarrel and separate leaving Prashant with the mother and Jasbir with the father. Jasbir is repeatedly told that her mother and brother are dead and she eventually believes that she will never see Prashant again.

She is ill-treated by her step mother and she runs away from home. Prashant grows up to be a pilot and he learns that Jasbir is in Kathmandu, Nepal with a group of hippies.

To reunite with his sister, Prashant travels to Kathmandu and meets Janice who in reality is his sister Jasbir with a new name and identity. She has forgotten her childhood and Prashant too. Prashant has to get his sister back amongst other events which include his being suspected as a thief in Kathmandu and fearing for his life.

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