नशा है एक बुराई: एडिक्शन यानी व्यसन एक ऐसी बीमारी है जिसमें कई तरह की हानिकारक स्थितियां और व्यवहार संभव हैं। व्यसन संबंधी संकेतों को अगर समय पर पहचान लिया जाय तो इससे पीड़ित के इलाज में मदद मिल सकती है। व्यसन का मुख्य लक्षण उपयोग का एक समस्याग्रस्त पैटर्न है, जो चिकित्सकीय रूप से महत्वपूर्ण हानि या संकट की ओर जाता है। व्यसन विकार के पीड़ित व्यक्ति के विशिष्ट लक्षण होते हैं यह व्यक्तियों के हिसाब से अलग-अलग हो सकते हैं।
किसी नशे की लत के शिकार व्यक्ति के लिए उस नशे को छोड़ना उसे नियंत्रित करना मुश्किल हो सकता है। नशे की लत का शिकार व्यक्ति भले ही नशे से होने वाले नुकसान के बारे में जानते हों या फिर उनके पास नुकसान के स्पष्ट प्रमाण हों फिर भी नशे को छोड़ नहीं पाते हैं। शक्तिशाली लालसा भी व्यसन की विशेषता है। व्यक्ति अगर अपना नशा छोड़ना भी चाहे तो भी इसी तीव्र इच्छा या लालसा के कराण छोड़ नहीं पाता है। पदार्थ उपयोग विकार के लक्षण और लक्षण व्यक्ति, जिस पदार्थ या व्यवहार का वे अति प्रयोग कर रहे हैं, उनके पारिवारिक इतिहास और उनकी व्यक्तिगत परिस्थितियों के साथ भिन्न हो सकते हैं।
व्यसन के लक्षण अक्सर प्रतिकूल परिस्थितियों के ‘डोमिनो इफेक्ट‘ की ओर ले जाते हैं। एक लक्षण जब दूसरे के होने का कारण बनता है तो डोमिनो इफेक्ट कहा जाता है।
नशा है एक बुराई
नशा है एक बड़ी बुराई,
बच कर रहना मेरे भाई।
जिन्हें यह लत पड़ जाती,
जीवन उनका चट कर जाती।
समाज उन्हें है दुत्कारता,
है नहीं कोई स्वीकारता।
सुझता नहीं घरा-आकाश,
बुद्धि का भी होता नाश।
तन-मन का करे हास,
बुराई भी कर जाती वास।
नशे ने कई घर उजाड़े,
नशे से गए कई लताड़े
नशानिवारण अच्छा अभियान,
मिलकर गाओ सुंदर गान।
नशेड़ी नहीं कुछ कर पाए,
व्यर्थ अपना जीवन गंवाए।
रहो नशे से तुम नित दूर,
ऊंचे बनो जैसे पेड़ खजूर।
कहे ‘प्रसाद‘ नशा बुरा है,
इसका मारा कौन उभरा है?
~ रामप्रसाद शर्मा ‘प्रसाद’
नशीले पदार्थों के लती लोग ज्यादातर अकेले रहना चाहते है और अपने आप को समाज से काट लेते हैं। उन्हें लगता है कि उनकी ज्यादातर चीजें गोपनीय ढंग से ही हों। मादक द्रव्यों के सेवन का विकार एक व्यक्ति के अन्य लोगों के साथ मेलजोल और उनसे घुलने मिलने के तरीके को प्रभावित कर सकता है।
नशीले पदार्थ पर निर्भरता वाला व्यक्ति कुछ ऐसी गतिविधियों को छोड़ सकता है जो पहले उन्हें खुशी देती थीं। जैसे वो दोस्तों के साथ बाहर नहीं जाना चाहता, ऐसी जगहों पर नहीं जाता जहां उसका नशा मौजूद ना हो वो अपने शौक और गतिविधियों को छोड़ देता है या फिर नशा उन्हें अपनी गतिविधि से अलग कर देता है। नशीली चीजों का सेवन करने वाला सब कुछ छोड़ सकता है पर नशा नहीं। उसकी कोशिश होती है कि उसके नशे की आपूर्ति बनी रहे भले ही उनके पास ज्यादा पैसा न हो। वो इसकके लिए घर के जरुरी बजट को भी बिगाड़ देता है। मादक द्रव्यों के शिकार लोग किसी नशीले पदार्थ पर शारीरिक निर्भरता के बारे में जागरूक हो सकते हैं, लेकिन यह मानते हुए कि वे इसे कभी स्वीकार नहीं करते। कई बार लती लोग ओवर डोजिंग के शिकार हो जाते हैं। उन्हें कई बार कानून और पुलिस का सामना करना पड़ सकता है। नशे के लिए व्यक्ति सार्वजनिक अव्यवस्था या हिंसा पैदा करने की हद तक अधिक जोखिम लेने को तैयार रहता है। ऐसे लती लोग हमेशा वित्तीय कठिनाइयों का सामना करते हैं।