प्रभुदयाल श्रीवास्तव की प्रसिद्ध बाल-कविताएँ

प्रभुदयाल श्रीवास्तव की प्रसिद्ध बाल-कविताएँ

प्रभुदयाल श्रीवास्तव की प्रसिद्ध बाल-कविताएँ

  1. तितली उड़ती, चिड़िया उड़ती
  2. कुछ न कुछ करते रहना
  3. दादाजी की बड़ी दवात
  4. गरमी की छुट्टी का मतलब
  5. होगी पेपर लेस पढ़ाई
  6. सूरज चाचा
  7. पानी बनकर आऊँ
  8. नदी बनूँ
  9. शीत लहर फिर आई
  10. जीत के परचम
  11. पर्यावरण बचा लेंगे हम
  12. हँसी-हँसी बस, मस्ती-मस्ती
  13. खुशियों के मजे
  14. कंधे पर नदी
  15. बूंदों की चौपाल
  16. अपना फर्ज निभाता पेड़
  17. भारत स्वच्छ बनाऊंगी
  18. फूलों की बातें

तितली उड़ती, चिड़िया उड़ती: प्रभुदयाल श्रीवास्तव की बाल-कविता [1]

तितली उड़ती, चिड़िया उड़ती,
कौये कोयल उड़ते।
इनके उड़ने से ही रिश्ते,
भू सॆ नभ के जुड़ते।
धरती से संदेशा लेकर,
पंख पखेरु जाते।
गंगा कावेरी की चिठ्ठी,
अंबर को दे आते।

पूरब से लेकर पश्चिम तक,
उत्तर दक्षिण जाते।
भारत की क्या दशा हो रही,
मेघों को बतलाते।

संदेशा सुनकर बाद‌लजी,
हौले से मुस्कराते,
पानी बनकर झर-झर – झर-झर,
धरती की प्यास बुझाते।

~ प्रभुदयाल श्रीवास्तव

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