प्रभुदयाल श्रीवास्तव की प्रसिद्ध बाल-कविताएँ

प्रभुदयाल श्रीवास्तव की प्रसिद्ध बाल-कविताएँ

पर्यावरण बचा लेंगे हम: प्रभुदयाल श्रीवास्तव की बाल-कविता [11]

मुन्ना चर्चे हर दिन सुनता,
पर्यावरण प्रदूषण के।

बोला एक दिन, बापू-बापू,
दिल्ली मुझे घुमा लाओ।
ध्वस्त हो गई अगर कहीं तो,
कब घूमूँगा बतलाओ।
दिल्ली के बारे में बातें,
सुनते मुँह से जन-जन के।

आज खाँसती दिल्ली बापू,
कल मुम्बई भी खाँसेगी।
परसों कोलकाता चेन्नई को,
भी यह खाँसी फाँसेगी।
पैर पड़ रहे हैं धरती पर,
रावण के, खर दूषण के।

नष्ट नहीं हो इसके पहले,
मुम्बई मुझे घुमा देना।
कोलकाता कैसा है बापू,
दरस परस करवा देना।
चेन्नई चलकर वहाँ दिखाना,
हैं धरोहरें चुन चुन के।

बापू बोले सच में ऐसी,
बात नहीं है रे मुन्ना।
इतनी निष्ठुर नहीं हुई है,
अपनी ये धरती अम्मा।
फर्ज निभाकर पेड़ लगाएं,
रोज हजारों गिन-गिन के।

पेड़ लगाकर धूंआ मिटाकर,
अपनी धरा बचा लेंगे।
जहर नहीं बढ़ने देंगे हम,
पेड़ नहीं कटने देंगे।
पर्यावरण बचा लेंगे हम,
आगे बढ़कर तन-तन के।

~ प्रभुदयाल श्रीवास्तव

Check Also

Dear Guru Nanak

Dear Guru Nanak: English Poetry for Students and Children

Dear Guru Nanak: English Poetry – Sri Guru Nanak Dev Ji was the creator of …