छोटी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए बाल-कवितायेँ

छोटी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए बाल-कविताएँ

बाल-कविताएँ [2] – बेटी की मां से फरियाद: विजय कुमार अग्रवाल

मैं सृष्टि का बीज हूं तेरे उदर में मां
तुम मुझको न खत्म करो मां
तुमको पता हुआ है मैं बेटी बन जाऊँगी
इसमें मेरी क्या खता है मां?

मैं जीना चाहती हूं मुझको न मारो मां
मैं कली बनूंगी तेरे आंगन की कांटा न समझो मां
मत पढ़ाना मुझे महंगे स्कूलों में
मैं सरकारी स्कूल में पढकर

घर का सारा काम करूंगी मां
जब दसवीं पास हो जाऊँगी
ट्यूशन करके बच्चों को पढ़ाऊंगी
घर खर्च में तेरा हाथ बटाऊंगी मां

मेहनत करके रात-दिन डाक्टर
या फिर इंजीनियर बन जाऊंगी मां
फिर भी यदि तुझे डर सताता होता
मेरी शादी में दहेज का दानव का

तो मैं कुंवारी ही रह जाऊंगी मां
मत मारो जिने का एक मौका दो मां
पापा से डर लगता हो जो तुम्हें
तो बिलकुल मत डरना मां

पिता को तो बेटी बहुत प्यारी लगती है मां
ओह मेरी प्यारी मां मुझको मत मारो मां
मैं सृष्टि का बीज हूं तेरे उदर में मां।

~ विजय कुमार अग्रवाल

Back To Collection Index

Check Also

Dear Guru Nanak

Dear Guru Nanak: English Poetry for Students and Children

Dear Guru Nanak: English Poetry – Sri Guru Nanak Dev Ji was the creator of …