मैं भी हूँ बी.ए. पास प्रिये
तुम बीबी हो जाओ लॉ–फुल
मैं हो जाऊँ पति खास प्रिये
मैं नित्य दिखाऊँगा सिनेमा
होगा तुमको उल्लास प्रिये
घर मेरा जब अच्छा न लगे
होटल में करना वास प्रिये
सर्विस न मिलेगी जब कोई
तब ‘लॉ’ की है एक आस प्रिये
उसमें भी सक्सेस हो न अगर
रखना मत दिल में त्रास प्रिये
एक उपवन सुन्दर बहुत बड़ा
है मेरे घर के पास प्रिये
फिर साँझ सवेरे रोज वहाँ
हम तुम छीलेंगे घास प्रिये
मैं ताज तुम्हें पहनाऊँगा
खुद पहनूँगा चपरास प्रिये
तुम मालिक हो जाओ मेरी
मैं हो जाऊँगा दास प्रिये
मैं मानूँगा कहना सारा
रखो मेरा विश्वास प्रिये
अपने कर में रखना हरदम
तुम मेरे मुख की रास प्रिये
यह तनमयता की वेला है
दिनकर कर रहा प्रवास प्रिये
हम तुम मिल कर पी लें
‘जानी–वाकर’ का ग्लास प्रिये
अब भागो मुझसे दूर नहीं
आ जाओ मेरे पास प्रिये
अपने को तुम समझो गाँधी
मुझको हरिजन रैदास प्रिये
~ बेढब बनारसी (प्रेम संगीत की पैरोडी)
यदि आपके पास Hindi / English में कोई poem, article, story या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें। हमारी Id है: submission@sh035.global.temp.domains. पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ publish करेंगे। धन्यवाद!