पुण्य फलिभूत हुआ – अमरनाथ श्रीवास्तव

पुण्य फलिभूत हुआ कल्प है नया
सोने की जीभ मिली
स्वाद तो गया

छाया के आदी हैं गमलों के पौधे
जीवन के मंत्र हुए सुलह और सौदे
अपनी जड़ भूल गई
द्वार की जया

हवा और पानी का अनुकूलन इतना
बंद खिड़किया बाहर की सोचें कितना
अपनी सुविधा से है
आँख में दया

मंजिल दर मंजिल है एक ज़हर धीमा
सीढ़ियाँ बताती हैं घुटनों की सीमा
मुझसे तो ऊंची है
डाल पर बया

∼ अमरनाथ श्रीवास्तव

Check Also

साप्ताहिक आर्थिक राशिफल - Weekly Money and Career Horoscope

साप्ताहिक आर्थिक राशिफल दिसंबर 2024: ऐस्ट्रॉलजर नंदिता पांडेय

साप्ताहिक आर्थिक राशिफल: 23 – 29 दिसंबर, 2024 जानिए किसे मिलेगी करियर में सफलता और …