बच्चों के संग बच्चे पापा।
करते हैं पूरी हर इच्छा,
मेरे सबसे अच्छे पापा॥
पापा ने ही तो सिखलाया,
हर मुश्किल में बन कर साया।
जीवन जीना क्या होता है,
जब दुनिया में कोई आया॥
उंगली को पकड़ कर सिखलाता,
जब पहला क़दम भी नहीं आता।
नन्हे प्यारे बच्चे के लिए,
पापा ही सहारा बन जाता॥
जीवन के सुख-दुख को सह कर,
पापा की छाया में रह कर।
बच्चे कब हो जाते हैं बड़े,
यह भेद नहीं कोई कह पाया॥
दिन रात जो पापा करते हैं,
बच्चे के लिए जीते मरते हैं।
बस बच्चों की ख़ुशियों के लिए,
अपने सुखो को हर्ते हैं॥
पापा हर फ़र्ज़ निभाते हैं,
जीवन भर क़र्ज़ चुकाते हैं।
बच्चे की एक ख़ुशी के लिए,
अपने सुख भूल ही जाते हैं॥
फिर क्यों ऐसे पापा के लिए,
बच्चे कुछ कर ही नहीं पाते।
ऐसे सच्चे पापा को क्यों,
पापा कहने में भी सकुचाते॥
पापा का आशीष बनाता है,
बच्चे का जीवन सुखदाइ।
पर बच्चे भूल ही जाते हैं,
यह कैसी आँधी है आई॥
जिससे सब कुछ पाया है,
जिसने सब कुछ सिखलाया है।
कोटि नम्न ऐसे पापा को,
जो हर पल साथ निभाया है॥
प्यारे पापा के प्यार भरे,
सीने से जो लग जाते हैं।
सच्च कहती हूँ विश्वास करो,
जीवन में सदा सुख पाते हैं॥
∼ सीमा सचदेव
यदि आपके पास Hindi / English में कोई poem, article, story या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें। हमारी Id है: submission@sh035.global.temp.domains. पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ publish करेंगे। धन्यवाद!