मुस्लिम समुदाय का पवित्र महीना रमजान शुरू हो गया है। आज चांद दिखाई दे गया है। कल पहला रोजा रखा जाएगा। रमजान की तैयारियां घरों में चल रही हैं। बाजार में लोग रोजा इफ्तार और सहरी के लिए खरीदारी कर रहे हैं।
इस महीने में भगवान की दी हर नेमत के लिए अल्लाह का शुक्र अदा किया जाता है। महीने के बाद शव्वाल की पहली तारीख को ईद उल फितर मनाया जाता है। इस महीने दान पुण्य के कार्यों करने को प्रधानता दी जाती है। इसलिए इस महीने को नेकियों और इबादतों का महीना कहा जाता है।
है रमजान मज़हब याद दिलाने का महीना।
है रमजान ज़श्न मनाने का महीना,
है रमजान ज़श्न मनाने का महीना।
पाक रखेंगे इसे अल्लाह के नाम,
नहीं करेंगे हम इसे बदनाम।
है प्रेम का महीना रमजान,
है प्रेम का महीना रमजान।
आया है ईद प्रेम-भाईचारा का सौगात लेकर,
मनाएंगे इसे वैर व कटुता का भाव भुलाकर।
मिलजुल मनाएंगे ईद,
नहीं करेंगे मांस खाने की जिद।
तोड़ेंगे हिंसा का रश्म,
मनाएंगे मिलकर ज़श्न।
हम सब लें आज ये कसम,
हम सब लें आज ये कसम॥
~ महेश कुमार वर्मा
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