सिलसिला 1981 में बनी भारतीय हिन्दी भाषा की रूमानी नाट्य फ़िल्म है। इसका निर्देशन यश चोपड़ा ने किया और इसमें अमिताभ बच्चन, जया बच्चन, रेखा, संजीव कुमार और शशि कपूर मुख्य कलाकार हैं। यह फिल्म उस समय के तीन सितारों अमिताभ-जया-रेखा के वास्तविक जीवन के कथित प्रेम त्रिकोण से बहुत प्रेरित है, जो उस समय के प्रेम प्रसंगों में सबसे चर्चित था।
अमिताभ बच्चन और रेखा की यह आखिरी फिल्म रही, जिससे इस लोकप्रिय ऑन-स्क्रीन जोड़ी का अंत हो गया और उनके प्रेम-प्रसंग की अफवाह भी खत्म हो गई। यह अमिताभ बच्चन की जया बच्चन के साथ भी आखिरी फिल्म थी, जब तक कि वे 20 साल बाद करण जौहर की फिल्म कभी खुशी कभी ग़म… (2001) में एक साथ फिर दिखाई नहीं दिए। इस फिल्म के बाद, जया बच्चन ने अभिनय से संन्यास ले लिया और हज़ार चौरासी की माँ (1998) से 18 साल बाद वापसी की।
फिल्म बॉक्स ऑफिस पर व्यावसायिक रूप से असफल रही थी। हालांकि, अब वर्षों बाद, फिल्म को क्लासिक माना जाने लगा है और आज इसे यश चोपड़ा की सर्वश्रेष्ठ कृतियों में से एक माना जाता है। फिल्म की रिलीज पर फिल्म का साउंडट्रैक “सुपर-हिट” बन गया था और अब भी लोकप्रिय है।
रंग बरसे भीगे चुनर वाली: सिलसिला फिल्म का लोकप्रिय होली गीत
रंग बरसे भीगे चुनर वाली, रंग बरसे
अरे किने मारी पिचकारी तोरी भीगी अंगिया
ओ रंग रसिया रंग रसिया, हो
रंग बरसे भीगे चुनर वाली, रंग बरसे…
सोने की थाली में जोना परोसा
अरे, सोने की थाली में जोना परोसा
हाँ, सोने की थाली में जोना परोसा
अरे, खाए गौरी का यार बलम तरसे रंग बरसे
होली है!
ओ, रंग बरसे भीगे चुनर वाली, रंग बरसे…
लौंगा इलायची का, अरे लौंगा इलायची का
लौंगा इलायची का? हाँ
अरे लौंगा इलायची का बीड़ा लगाया
हाँ, लौंगा इलायची का बीड़ा लगाया
चाबे गौरी का यार, बलम तरसे
होली है!
.…
अरे, बेला चमेली का सेज़ बिछाया
बेला चमेली का, सेज़ बिछाया
अरे, बेला चमेली का सेज़ बिछाया
हाँ, बेला चमेली का सेज़ बिछाया
सोए गौरी का यार, बलम तरसे
होली है!
.…
∼ हरिवंश राय बच्चन
चित्रपट : सिलसिला (१९८१)
निर्माता : यश चोपड़ा
निर्देशक : यश चोपड़ा
लेखक : प्रीती बेदी, यश चोपड़ा, सागर सरहदी, रोमेश शर्मा
गीतकार : हरिवंश राय बच्चन
संगीतकार : शिव – हरी
गायक : अमिताभ बच्चन
सितारे : अमिताभ बच्चन, रेखा, शशि कपूर, संजीव कुमार, जया बच्चन