रंग-बिरंगे गुब्बारे,
लगते प्यारे प्यारे।
कोई लम्बा कोई गोल,
कोई मोटा जैसे ढोल।
गैस भरा उड़ जाता जो,
वापिस कभी न आता वो।
मम्मी पूरे घर में सजा दो,
ढेर गुब्बारे मुझे दिला दो।
रंग-बिरंगे गुब्बारे,
लगते प्यारे प्यारे।
कोई लम्बा कोई गोल,
कोई मोटा जैसे ढोल।
गैस भरा उड़ जाता जो,
वापिस कभी न आता वो।
मम्मी पूरे घर में सजा दो,
ढेर गुब्बारे मुझे दिला दो।
National Philosophy Day: This day encourages critical thinking, dialogue, and intellectual curiosity, addressing global challenges …