Hullad Moradabadi (29 May 1942 – 12 July 2014) was an Indian poet, humorist and satirist of Hindi language. He had authored several Hindi books including Itni uchi mat chodo, kya karegi chandni, Ye ander ki bat hai, Triveni and Hullad ka Hullad. He was a poet of Hindi Kavi sammelan.
Born in Gujranwala, now in Pakistan as Susheel Kumar Chadha on 29 May 1942. He settled in Moradabad, Uttar Pradesh after independence and later shifted to Mumbai. He completed his B.Sc. and later an MA in Hindi.
He shifted to Mumbai in 1977, where he lived for the rest of his years. He also wrote lyrics for Hindi satirical film Nasbandi directed by I. S. Johar, released after the Emergency in 1978. He also acted as a comedian in films Bandhan Baahon Ka (1988) and Santosh (1989).
Moradabadi has written Itni uchi mat chodo, kya karegi chandni, Ye ander ki bat hai, Triveni, Tathakathit bhagwano ke naam (awarded), Hullad ka Hullad,: Hazam ki hazamat and Aacha hai per kabhi kabhi.
Moradabadi’s poems have been quoted by several poets in Kavi-Sammelan.
He had several records produced by H.M.V and T-Series and he has been to Hong Kong, Bangkok, Canada, Australia, London, Manchester and America for various Kavi Sammelans.
साल आया है नया: हुल्लड़ मुरादाबादी
नाई के पैसे बचा ले, साल आया है नया।
तेल कंघा पाउडर के खर्च कम हो जाएँगे
आज ही सर को घुटा ले, साल आया है नया।
चाहता है हसीनों से तू अगर नजदीकियाँ
चाट का ठेला लगा ले, साल आया है नया।
जो पुरानी चप्पलें हैं उन्हें मंदिरों पर छोड़ कर
कुछ नए जूते उठा ले, साल आया है नया।
मैं अठन्नी दे रहा था तो भिखारी ने कहा
तू यहीं चादर बिछा ले, साल आया है नया।
दो महीने बर्फ़ गिरने के बहाने चल गए
आज तो हुल्लड़ नहा ले, साल आया है नया।
दौड़ में यश और धन की जब पसीना आए तो
‘सब्र’ साबुन से नहा ले, साल आया है नया।
मौत से तेरी मिलेगी, फैमिली को फ़ायदा
आज ही बीमा करा ले, साल आया है नया।
भूल जा शिकवे, शिकायत, ज़ख्म पिछले साल के
साथ मेरे मुस्कुरा ले, साल आया है नया।