तेरे बदले मैं जमाने की कोई चीज़ ना लूं
तेरी साँसोँ की कसम खाके, हवा चलती है
तेरे चेहरे की झलक पा के बहार आती है
एक पल भी मेरी नज़रों से जो तू ओझल हो
हर तरफ मेरी नज़र तुझको पुकार आती है
मेरे भैया मेरे चंदा…
तेरे सेहरे की महकती हुई लड़ियों के लिए
अनगिनत फूल ऊम्मीदोँ के चुने हैं मैंने
वो भी दिन आये कि उन ख्वाबोँ के ताबीर मिले
तेरी खातिर जो हंसीं ख्वाब बुने हैं मैंने
मेरे भैया मेरे चंदा…
~ साहिर लुधियानवी
Movie: काजल (1965)
Music: रवि
Lyrics: साहिर लुधियानवी
Singer: आशा भोंसले