समोसा - ओम प्रकाश बजाज

समोसा – ओम प्रकाश बजाज

चटनी के साथ गर्म- गर्म समोसा,
चाय के साथ परोसा जाता है।

बच्चा, बड़ा, मर्द, औरत हर कोई बड़े चाओ से खाता है,
न जाने कब किसने समोसे का, पहली बार अविष्कार किया।

बाहरी आवरण बनाया समोसा भरा,
तेल में तल कर समोसा तैयार किया।

तब से अब तक अनगिनत पीढ़िया,
इसका आनदं लेती आई है।

कही-कही इसी पकवान को,
तिकोना भी कहती-कहलाती आई है।

शेक्सपियर ने कहा था बरसो पहले,
भला नाम में क्या रखा है?
समोसा कहो, तिकोना कह लो,
स्वाद और मजा तो वही रहता है।

~ ओम प्रकाश बजाज

आपको ओम प्रकाश बजाज जी की बाल -कविता कैसी लगी – आप से अनुरोध है की अपने विचार comments के जरिये प्रस्तुत करें। अगर आप को यह कविता अच्छी लगी है तो Share या Like अवश्य करें।

यदि आपके पास Hindi / English में कोई poem, article, story या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें। हमारी Id है: submission@sh035.global.temp.domains. पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ publish करेंगे। धन्यवाद!

Check Also

National Safe Motherhood Day: Date, Theme, History, Significance

National Safe Motherhood Day: Date, Theme, History, Significance

National Safe Motherhood Day: Women have God’s gift to give birth to a child. In …