सांध्य सुंदरी – सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’

दिवसावसान का समय
मेघमय आसमान से उतर रही है
वह सांध्य सुंदरी परी–सी –
धीरे धीरे धीरे।

तिमिरांचल में चंचलता का नहीं कहीं आभास
मधुर मधुर हैं दोनों उसके अधर–
किन्तु ज़रा गंभीर – नहीं है उनमें हास विलास।

हँसता है तो केवल तारा एक
गुँथा हुआ उन घुँघराले काले बालों से,
हृदयराज्य की रानी का वह करता है अभिषेक।
अलसता की सी लता
किंतु कोमलता की वह कली
सखी नीरवता के कंधे पर डाले बाँह,
छाँह सी अंबर–पथ से चली।

नहीं बजती उसके हाथों में कोई वीणा
नहीं होता कोई अनुराग राग आलाप
नूपुरों में भी रूनझुन रूनझुन नहीं
सिर्फ़ एक अव्यक्त शब्द–सा “चुप, चुप, चुप”
है गूँज रहा सब कहीं–

व्योम मंडल में – जगती तल में –
सोती शांत सरोवर पर उस अमल कमलिनी दल में
सौन्दर्य गर्विता सरिता के अतिविस्तृत वक्षस्थल में
धीर वीर गंभीर शिखर पर हिमगिरि अटल अचल में
उत्ताल तरंगाघात प्रलय घन गर्जन जलधि प्रबल में
क्षिति में जल में नभ में अनिल अनल में
सिर्फ़ एक अव्यक्त शब्द–सा “चुप, चुप, चुप”
है गूँज रहा सब कहीं–

और क्या है? कुछ नहीं।
मदिरा की वह नदी बहाती आती
थके हुए जीवों को वह सस्नेह
प्याला एक पिलाती
सुलाती उन्हें अंक पर अपने
दिखलाती फिर विस्मृति के वह अगणित मीठे सपने
अर्धरात्रि की निश्चलता में हो जाती जब लीन
कवि का बढ़ जाता अनुराग
विरहाकुल कमनीय कंठ से
आप निकल पड़ता तब एक विहाग।

∼ सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’

Check Also

Veera Dheera Sooran: Part 2-2025 Tamil Action Thriller Film, Trailer

Veera Dheera Sooran: Part 2-2025 Tamil Action Thriller Film, Trailer

Movie Name: Veera Dheera Sooran: Part 2 Directed by: S. U. Arun Kumar Starring: Vikram, …