आनन्द बक्षी यह वह नाम है जिसके बिना आज तक बनी बहुत बड़ी-बड़ी म्यूज़िकल फ़िल्मों को शायद वह सफलता न मिलती जिनको बनाने वाले आज गर्व करते हैं। आनन्द साहब चंद उन नामी चित्रपट (फ़िल्म) गीतकारों में से एक हैं जिन्होंने एक के बाद एक अनेक और लगातार साल दर साल बहुचर्चित और दिल लुभाने वाले यादगार गीत लिखे, जिनको सुनने वाले आज भी गुनगुनाते हैं, गाते हैं।
उठाते हैं, बोझ उठाते हैं, सारी दुनिया…
लोग आते हैं लोग जाते हैं
हम यहाँ पे खड़े रह जाते हैं, सारी…
चार का काम एक का दाम है
ख़ून मत पीजिये और कुछ दीजिये
एक रुपया है कम हमें ख़ुदा की क़सम
बड़ी मेहनत से रोटी कमाते हैं, सारी…
थोड़ा पानी पिया याद रब को किया
भूख भी मिट गई प्यास भी बुझ गई
काम हर हाल में नाम को साल में
ईद की एक छुट्टी मनाते हैं, सारी…
जीना मुश्किल तो है अपना भी दिल तो है
दिल में अरमान हैं हम भी इन्सान हैं
जब सताते है गम ऐश करते हैं हम
बीड़ी पीते हैं और पान खाते हैं
सारी दुनिया का बोझ हम उठाते हैं
∼ आनंद बक्षी
चित्रपट: कुली (1983)
गीतकार: आनंद बक्षी
संगीतकार: लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
गायक: शब्बीर कुमार
सितारे: अमिताभ बच्चन, रति अग्निहोत्री