विद्यालय मैगजीन से हिंदी बाल-कविताएँ

बापू का नारा, स्वच्छ भारत है बनाना: प्रभगुन कौर

भूमण्डल में गूँजे गान।
मेरा भारत देश महान।।

फिर गूँजेगा बापू का गान।
स्वच्छ रहे भारत का हर ग्राम।।

कूड़ा करकट का है अंबार।
सबको मिलकर करना है पार।।

अपने कर्मों को सुधारें।
नदियों को पवित्र बनाएँ।।

स्वच्छता उन्नति का आधार है।
लम्बे जीवन का सार है।।

स्वच्छता आकर्षण का आधार है।
स्वच्छता मोक्ष का भी द्वार है।।

बच्चे बूढ़े और जवान।
सहयोग सेतु में बंध एक साथ।।

संकल्प करें फिर एक बार।
स्वच्छ रहेगा भारत को हर हाथ।।

अच्छे दिनों को लाना है।
भारत का मान बढ़ाना है।।

~ प्रभगुन कौर (तीसरी-ए) St. Gregorios School, Sector 11, Dwarka, New Delhi

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15 अगस्त: जाह्नवी डावरा

लाल किले के पास है आजादी का मेला,
सबसे ऊपर नाच रहा है झंडा एक अकेला।

कदम बड़ा के सीना ताने फौजी आते-जाते,
पूरे नौ नौ बच्चे सारे चने कुरकुरे खाते।

सभी कहते हैं आज के दिन आजाद हुआ था देश,
सभी कहते है आज के दिन अंग्रेजों का राज था शेष।

अभी तो समझ न आए आजादी और देश,
हम तो छत से देख रहे हैं पतंग-पतंग के पेच।

हमसे कोई पूछे बच्चों आजादी क्या होती है,
हम कह देंगे उस दिन पूरी छुट्टी होती है।

जाह्नवी डावरा (छठी-बी) St. Gregorios School, Sector 11, Dwarka, New Delhi

स्वच्छता: शिवांश भाटिया

हम हैं भारत की संतान,
नहीं बनाएँगे भारत को कूड़े-दान।
यहीं हैं हमारा मान और सम्मान,
रखेंगे साफ, हमारा भारत महान।।

इतनी-सी बात हवाओं को बताए रखना।
रोशनी होगी चिरागों को जलाए रखना।।
घर हो या बाहर, हर जगह को साफ रखेंगे
बस यही बात सबको बताए रखना।
और ऐसे ही दिल में तिरंगा लहराए रखना।।

क्योंकि हम हैं भारत की संतान,
नहीं बनाएँगे भारत को कूड़े-दान।

शिवांश भाटिया (दसवीं-डी) St. Gregorios School, Sector 11, Dwarka, New Delhi

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