स्वच्छता: मुस्कान दलाल
सदा ही करते, तू तू मैं मैं
करो कभी, कोई अच्छा काम
बढाये जो, भारत देश का नाम।
देश की धरोहर पर है सबका अधिकार,
फिर क्यूँ है इसकी सफाई से इनकार।
नही है कोई बहुत बड़ा उपकार,
बस करना है जीवन में बदलाव।
शहर को मानकर, घर अपना
निर्मल स्वच्छ है उसे भी रखना
कूड़ेदान में फेंको कूड़ा
हर जगह ना फेंको कूड़ा
थूकने को नहीं है धरती मैया
बदलो अपनी आदत भैया
न करो किसी पड़ोसी का इंतजार
देश है सबका, बढाओ स्वच्छता अभियान।