विश्वास: देवाज्य कपूर
चाहे जितना भी हो कमजोर आदमी।
एक न एक दिन वह भी सफल होगा,
यही तो जीवन जितने की कला है।
इस धारा पर जहाँ हर जगह फैला है दुराचार,
मानव ही जहाँ कर रहा मानव पर अत्याचार।
एक दिन उसका भी हृदय तरह होगा,
जीवन में वह भी सफल होगा।
द्वेष भूल कुछ ऐसा कर लें हम,
खुशियाँ बाँट गम को ले लें हम।