गुरु: वंश सेठी
जो शिष्य को सही राह दिखता है।
गुरु मित्र के समान है,
जो शिष्य की हर समय सहायता करता है।
गुरु माता के समान है,
जो शिष्य को स्नेह देता है।
गुरु पिता के समान है,
जो शिष्य को उसके कर्त्तव्य बताता है।
गुरु देवता के समान है,
जिसका आदर सम्मान करना चाहिए।