रोशन घर का हो हर कोना।
प्रकाश के जैसे उज्जवल तन हो,
जन – जन स्वजन और निर्मल मन हो।
रोशनी का आगाज जहाँ हो,
तुम वहां हो हम वहां हों।
दूर तम के अन्धकार हों,
मीठे सुर हों मीठी ताल हो।
शुभकामनायें हैं यही हमारी,
सतरंगी हर दीवाली हो।
∼ अमृता गोस्वामी [वैशाली नगर, जयपुर ३०२०२१, राजस्थान]
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