Children's Poetry about Festival of Lights - Deepawali शुभ दीपावली

Children’s Poetry about Festival of Lights – Deepawali शुभ दीपावली

जगमग – जगमग दीप जलें,
रोशन घर का हो हर कोना।

Shubh Deepawaliप्रकाश के जैसे उज्जवल तन हो,
जन – जन स्वजन और निर्मल मन हो।

रोशनी का आगाज जहाँ हो,
तुम वहां हो हम वहां हों।

दूर तम के अन्धकार हों,
मीठे सुर हों मीठी ताल हो।

शुभकामनायें हैं यही हमारी,
सतरंगी हर दीवाली हो।

अमृता गोस्वामी [वैशाली नगर, जयपुर ३०२०२१, राजस्थान]

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