सुप्रभात - प्रभाकर शुक्ल

सुप्रभात – प्रभाकर शुक्ल

नयन से नयन का नमन हो रहा है,
लो उषा का आगमन हो रहा है।

परत पर परत चांदनी कट रही है,
तभी तो निशा का गमन हो रहा है।

क्षितिज पर अभी भी हैं अलसाए सपने,
पलक खोल कर भी, शयन हो रहा है।

झरोखों से प्राची कि पहली किरण का,
लहर से प्रथम आचमन हो रहा है।

हैं नहला रहीं, हर कली को तुषारें
लगन पूर्व कितना जतन हो रहा है।

वही शाख पर हैं पक्षियों का कलरव,
प्रभाती सा लेकिन, सहन हो रहा है।

बढ़ी जा रही है जिस तरह से अरुणिमा,
है लगता कहीं पर हवन हो रहा है।

मधुर मुक्त आभा, सुगन्धित पवन है,
नए दिन का कैसा सृजन हो रहा है।

∼ डॉ. प्रभाकर शुक्ल

Check Also

Phule: 2025 Bollywood Biopic Drama Film, Trailer, Review

Phule: 2025 Bollywood Biopic Drama Film, Trailer, Review

Movie Name: Phule Directed by: Ananth Mahadevan Starring: Pratik Gandhi, Patralekha, Alexx O’Nell, Sushil Pandey …