माँगा वरदान,
मुझे भी दे दो पंख
मैं नापना चाहती हूँ आसमान।
भगवान ने कहा ठीक है मगर
तू सिर्फ सपने में उड़ सकेगी,
हकीकत के लिए तुझे करनी पड़ेगी
अभी और तपस्या।
लड़की ने भगवान से कहा
मुझे शक्ति दे दो
ताकि मैं चढ़ सकूँ पहाड़,
क्योंकि मैं चोटी पर बैठ
करना चाहती हूँ अपना नव निर्माण,
भगवान ने कहा ठीक है मगर
तू कर सकेगी र्सिफ दूसरों का निर्माण
अपने लिए तुझे करनी होगी
अभी और तपस्या।
लड़की ने भगवान से कहा
मुझे दे दो कुछ शोख रंगीनियां
ताकि मैं भी जीवन में भर लूं रंग,
भगवान ने कहा ठीक है मगर
अभी तू दूसरों के जीवन में ही रंग भर सकेगी,
अपने लिए तुझे करनी होगी
अभी और तपस्या।
लड़की ने भगवान से कहा
मुझे दे दो फूलों सी मुस्कान,
ताकि मैं भी हँस कर बिताऊँ
जिन्दगी की घड़ियाँ,
भगवान ने कहा ठीक है मगर
तुझे वो बिखेरनी होगी
अपने चारों ओर के लोगों को देनी होगी
अपने लिए तुझे करनी होगी
अभी और तपस्या।
लड़की ने भगवान से कहा
मुझे दे दो सुन्दर सलोने वस्त्र
ताकि मैं भी लगूं खुबसूरत,
भगवान ने कहा ठीक है मगर
सूरज उगने के बाद और सूरज ढलने तक ही
ये आएंगे तेरे काम
रात के लिए तुझे करनी होगी
अभी अभी और तपस्या।
तब लड़की ने भगवान से कहा
कम से कम मुझे दे दो एक स्वस्थ तन,
ताकि मैं कर तो सकूँ तपस्या।
भगवान ने कहा ठीक है मगर
यह होगी सिर्फ भा्रन्ति
अपनी अस्वस्थता को तू कभी नहीं जानेगी
सच में पाने के लिए स्वस्थ तन,
तुझे करनी होगी
अभी और तपस्या।
तब से लड़की कर रही है तपस्या
उड़ने के लिए
अपने निर्माण के लिए
जीवन की रंगीनियों के लिए
मुस्कुराने के लिए
हँसने के लिए
अपने को ढकने के लिए
स्वस्थ रहने के लिए
भगवान से हर रोज पूछती
कब पूरी होगी मेरी तपस्या।