टिम्बकटू भई टिम्बकटू – डॉ. फहीम अहमद

Hand Washटिम्बकटू भई टिम्बकटू,
मैं तो हरदम हँसता हूँ।

ठीक शाम को चार बजे जब,
आया नल में पानी।

Boatछोड़ दिया नल खुला हुआ,
की थोड़ी सी शैतानी।

पानी फ़ैल गया आँगन में,
नैया उसमे तैराऊं।

Monkeyपुंछ हिलाता मुहं बिचकाता,
आया नन्हा बन्दर।

उसे खिलाई मैंने टाफी,
आलू और चुकंदर।

Cold Drinkमै लेटा तो मेरे सर से,
बन्दर लगा ढूंढने जूं।

खोला फ्रीज़ तो देखा मैंने,
रसगुल्ले खा चुपके से,
कोल्ड ड्रिंक पी डाला।

Mammiफिर मम्मी ने डांट पिलाई,
बड़े मज़े से डांट पियूं।

∼ डॉ. फहीम अहमद

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