वक़्त का सब्र

वक़्त का सब्र

आगे सफर था…
और पीछे हमसफर था…
रूकते तो सफर छूट जाता…
और चलते तो हम सफर छूट जाता…
मुद्दत का सफर भी था…
और बरसो का हम सफर भी था…
रूकते तो बिछड जाते…
और चलते तो बिखर जाते…

यूँ समँझ लो…
प्यास लगी थी गजब की…
मगर पानी मे जहर था…
पीते तो मर जाते…
और ना पीते तो भी मर जाते…
बस यही दो मसले…
जिंदगी भर ना हल हुए…
ना नींद पूरी हुई…
ना ख्वाब मुकम्मल हुए…

वक़्त ने कहा…
काश थोड़ा और सब्र होता…
सब्र ने कहा…

काश थोड़ा और वक़्त होता…

~ फेसबुक पर शेयर की गयी

Check Also

Weekly Numerology Prediction - साप्ताहिक अंक ज्योतिष

साप्ताहिक अंक ज्योतिष दिसंबर 2024: न्यूमरोलॉजिस्ट नंदिता पांडेय

साप्ताहिक अंक ज्योतिष 23 – 29 दिसंबर, 2024: अंकशास्त्र विद्या (Numerology) में अंकों का विशेष स्थान …