रंग – बिरंगे मधुबन में।
छवि फूलों की न्यारी है,
महकी क्यारी – क्यारी है।
भँवरे – तितली डोले हैं,
चुपके – चुपके बोले हैं।
मखमल जैसी दूब लगे,
प्यारी लेटी धुप लगे।
महक बसी है धड़कन में,
फूल खिलें हैं उपवन में।
छवि फूलों की न्यारी है,
महकी क्यारी – क्यारी है।
भँवरे – तितली डोले हैं,
चुपके – चुपके बोले हैं।
मखमल जैसी दूब लगे,
प्यारी लेटी धुप लगे।
महक बसी है धड़कन में,
फूल खिलें हैं उपवन में।
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