वे और तुम - जेमिनी हरियाणवी

वे और तुम – जेमिनी हरियाणवी

मुहब्बत की रियासत में
सियासत जब उभर जाए
प्रिये तुम ही बतलाओ
जिंदगी कैसे सुधर जाए

चुनावों में चढ़े हैं वे
निगाहों में चढ़ी हो तुम
चढ़ाया है तुम्हें जिसने
कहीं रो रो न मर जाए

उधर वे जीत कर लौटे
इधर तुमने विजय पाई
हमेशा हारने वाला
जरा बोलो किधर जाए

उधर चमचे खड़े उनके
इधर तुम पर फिदा हैं हम
हमें अब देखना है भाग्य
किसका कब बदल जाए

वहां वे दल बदलते हैं
यहाँ तुम दिल बदलती हो
पड़ी है बान दोनों में
कि वचनों से मुकर जाए

उन्हें माइक से मतलब है
तुम्हें भी माइका प्यारा
तुम्हारा क्या बिगड़ता है
उठे कोई या गिर जाए

~ जेमिनी हरियाणवी

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