ये बन्धन तो प्यार का बन्धन है – इन्दीवर

कु — सूरज कब दूर गगन से चंदा कब दूर किरन से
ख़ुश्बू कब दूर पवन से कब दूर बहार चमन से
अ — ये बन्धन तो प्यार का बन्धन है जनमों का संगम है
उ — ये बन्धन तो…
अ — सूरज कब दूर…
उ — ख़ुश्बू कब दूर…
अ — ये बन्धन तो…

अ — तुम ही मेरे जीवन हो तुम्हें देख देख जी लूंगी -२
मैं तो तुम्हारी खातिर दुनिया का ज़हर पी लूंगी
कु — तेरे पावन चरणों में आकाश झुका देंगे हम
तेरी राहों में जो शोले हों तो खुद को बिछा देंगे हम
अ — ये बन्धन तो…
उ — ये बन्धन तो…

ममता के मंदिर की है तू सबसे प्यारी मूरत -२
भगवान नज़र आता है जब देखें तेरी सूरत
कु — जब जब दुनिया में आएं तेरा ही आँचल पाएं
जन्मों की दीवारों पर हम प्यार अपना लिख जाएं
अ — ये बन्धन तो…
उ — ये बन्धन तो…
अ — सूरज कब दूर…
तीनों — ये बन्धन तो…

∼ इन्दीवर

चित्रपट : करन अर्जुन (१९९५)
निर्माता, निर्देशक : राकेश रोशन
लेखक : सचिन भौमिक, रवि कपूर, अनवर खान
गीतकार : इन्दीवर
संगीतकार : राजेश रोशन
गायक : कुमार सानु, अलका याग्निक, उदित नारायण
सितारे : सलमान खान , शाहरुख़ खान , राखी , ममता कुलकर्णी , काजोल , अमरीश पूरी

About Indeevar

श्यामलाल बाबू राय उर्फ़ इन्दीवर (जन्म- 15 अगस्त, 1924, झाँसी, उत्तर प्रदेश; मृत्यु- 27 फ़रवरी, 1997, मुम्बई) भारत के प्रसिद्ध गीतकारों में गिने जाते थे। इनके लिखे सदाबहार गीत आज भी उसी शिद्‌दत व एहसास के साथ सुने व गाए जाते हैं, जैसे वह पहले सुने व गाए जाते थे। इन्दीवर ने चार दशकों में लगभग एक हज़ार गीत लिखे, जिनमें से कई यादगार गाने फ़िल्‍मों की सुपर-डुपर सफलता के कारण बने। ज़िंदगी के अनजाने सफ़र से बेहद प्यार करने वाले हिन्दी सिनेमा जगत के मशहूर शायर और गीतकार इन्दीवर का जीवन के प्रति नज़रिया उनकी लिखी हुई इन पंक्तियों- "हम छोड़ चले हैं महफ़िल को, याद आए कभी तो मत रोना" में समाया हुआ है।

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