ऐ पी जे अब्दुल कलाम के अनमोल विचार

ऐ पी जे अब्दुल कलाम के अनमोल विचार

अवुल पकिर जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम जन्म 15 अक्टूबर 1931 – 27 जुलाई 2015, रामेश्वरम, तमिलनाडु, भारत), जिन्हें डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम के नाम से जाना जाता है, भारतीय गणतंत्र के ग्यारहवें निर्वाचित राष्ट्रपति थे। वे भारत के पूर्व राष्ट्रपति, जानेमाने वैज्ञानिक और अभियंता के रूप में विख्यात हैं।

ऐ पी जे अब्दुल कलाम के अनमोल विचार

  • शिखर तक पहुँचने के लिए ताकत चाहिए होती है, चाहे वो माउन्ट एवरेस्ट का शिखर हो या आपके पेशे का।
  • क्या हम यह नहीं जानते कि आत्म सम्मान आत्म निर्भरता के साथ आता है?
  • कृत्रिम सुख की बजाये ठोस उपलब्धियों के पीछे समर्पित रहिये।
  • अंग्रेजी आवश्यक है क्योंकि वर्तमान में विज्ञान के मूल काम अंग्रेजी में हैं. मेरा विश्वास है कि अगले दो दशक में विज्ञान के मूल काम हमारी भाषाओँ में आने शुरू हो जायेंगे, तब हम जापानियों की तरह आगे बढ़ सकेंगे।
  • भगवान, हमारे निर्माता ने हमारे मष्तिष्क और व्यक्तित्व में असीमित शक्तियां और क्षमताएं दी हैं। इश्वर की प्रार्थना हमें इन शक्तियों को विकसित करने में मदद करती है।
  • मैं हमेशा इस बात को स्वीकार करने के लिए तैयार था कि मैं कुछ चीजें नहीं बदल सकता।
  • महान सपने देखने वालों के महान सपने हमेशा पूरे होते हैं।
  • अगर किसी देश को भ्रष्टाचार–मुक्त और सुन्दर-मन वाले लोगों का देश बनाना है तो, मेरा दृढ़तापूर्वक मानना है कि समाज के तीन प्रमुख सदस्य ये कर सकते हैं। पिता, माता और गुरु।
  • यदि हम स्वतंत्र नहीं हैं तो कोई भी हमारा आदर नहीं करेगा।
  • भारत में हम बस मौत, बीमारी, आतंकवाद और अपराध के बारे में पढ़ते हैं।
  • आइये हम अपने आज का बलिदान कर दें ताकि हमारे बच्चों का कल बेहतर हो सके।
  • आकाश की तरफ देखिये। हम अकेले नहीं हैं। सारा ब्रह्माण्ड हमारे लिए अनुकूल है और जो सपने देखते हैं और मेहनत करते हैं उन्हें प्रतिफल देने की साजिश करता है।
  • इंसान को कठिनाइयों की आवश्यकता होती है, क्योंकि सफलता का आनंद उठाने कि लिए ये ज़रूरी हैं।
  • किसी भी धर्म में किसी धर्म को बनाए रखने और बढाने के लिए दूसरों को मारना नहीं बताया गया।
  • मुझे बताइए, यहाँ का मीडिया इतना नकारात्मक क्यों है? भारत में हम अपनी अच्छाइयों, अपनी उपलब्धियों को दर्शाने में इतना शर्मिंदा क्यों होते हैं? हम एक माहान राष्ट्र हैं। हमारे पास ढेरों सफलता की गाथाएँ हैं, लेकिन हम उन्हें नहीं स्वीकारते। क्यों?
  • अपने मिशन में कामयाब होने के लिए, आपको अपने लक्ष्य के प्रति एकचित्त निष्ठावान होना पड़ेगा।
  • इससे पहले कि सपने सच हों आपको सपने देखने होंगे।

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