प्लेटो, सुकरात और अरस्तु पश्चिमी दर्शनशास्त्र के सबसे महान दार्शनिकों में एक थे। उन्होंने पश्चिमी दर्शनशास्त्र पर पहली व्यापक रचना की, जिसमें नीति, तर्क, विज्ञान, राजनीति और आध्यात्म का मेलजोल था। भौतिक विज्ञान पर अरस्तु के विचार ने मध्ययुगीन शिक्षा पर व्यापक प्रभाव डाला और इसका प्रभाव पुनर्जागरण पर भी पड़ा। अंतिम रूप से न्यूटन के भौतिकवाद ने इसकी जगह ले लिया। जीव विज्ञान उनके कुछ संकल्पनाओं की पुष्टि उन्नीसवीं सदी में हुई। उनके तर्कशास्त्र आज भी प्रासांगिक हैं। उनकी आध्यात्मिक रचनाओं ने मध्ययुग में इस्लामिक और यहूदी विचारधारा को प्रभावित किया और वे आज भी क्रिश्चियन, खासकर रोमन कैथोलिक चर्च को प्रभावित कर रही हैं। उनके दर्शन आज भी उच्च कक्षाओं में पढ़ाये जाते हैं। अरस्तु ने अनेक रचनाएं की थी, जिसमें कई नष्ट हो गई। अरस्तु का राजीनीति पर प्रसिद्ध ग्रंथ पोलिटिक्स है।
- अगर औरते नहीं होती तो इस दुनिया की सारी दौलत बेमानी होती।
- एक निश्चित बिंदु के बाद, पैसे का कोई अर्थ नहीं रह जाता।
- किसी मनुष्य का स्वभाव ही उसे विश्वसनीय बनाता है, न कि उसकी सम्पत्ति।
- दोस्तों के बिना कोई भी जीना नहीं चाहेगा, चाहे उसके पास बाकि सब कुछ हो।
- मित्र का सम्मान करो, पीठ पीछे उसकी प्रशंसा करो, और आवश्यकता पड़ने पर उसकी सहायता करो।
- मनुष्य स्वभाव से एक राजनीतिक जानवर है।
- कोई भी उस व्यक्ति से प्रेम नहीं करता जिससे वो डरता है।
- बुरे व्यक्ति पश्चाताप से भरे होते हैं।
- डर बुराई की अपेक्षा से उत्पन्न होने वाला दर्द है।
- जो सभी का मित्र होता है वो किसी का मित्र नहीं होता है।
- खुशी हम पर निर्भर करती है।
- संकोच युवाओं के लिए एक आभूषण है, लेकिन बड़ी उम्र के लोगों के लिए धिक्कार।
- मनुष्य प्राकृतिक रूप से ज्ञान कि इच्छा रखता है।
- मनुष्य के सभी कार्य इन सातों में से किसी एक या अधिक वजहों से होते हैं: मौका, प्रकृति, मजबूरी, आदत, कारण, जुनून, इच्छा।
- चरित्र को हम अपनी बात मनवाने का सबसे प्रभावी माध्यम कह सकते हैं।
- सभी भुगतान युक्त नौकरियां दिमाग को अवशोषित और अयोग्य बनाती हैं।
- प्रकृति की सभी चीजों में कुछ ना कुछ अद्रुत है।
- आलोचना से बचने का एक ही तरीका है : कुछ मत करो, कुछ मत कहो और कुछ मत बनों।
- मनुष्य अपनी सबसे अच्छे रूप में सभी जीवों में सबसे उदार होता है, लेकिन यदि कानून और न्याय न हो तो वो सबसे खराब बन जाता है।
- अच्छा व्यवहार सभी गुणों का सार है।