हिताहितं सुखं दुःखमायुस्तस्य हिताहितम्।
मानं च तच्च यत्रोक्तमायुर्वेदः स उच्यते॥
आयुर्वेद और आयुर्विज्ञान दोनों ही चिकित्साशास्त्र हैं परंतु व्यवहार में चिकित्साशास्त्र के प्राचीन भारतीय ढंग को आयुर्वेद कहते हैं और ऐलोपैथिक प्रणाली (जनता की भाषा में “डाक्टरी’) को आयुर्विज्ञान का नाम दिया जाता है। प्रस्तुत हैं आयुर्वेद के बारे में कुछ अनमोल वचन…
- आयुर्वेद जैसा कि नाम में निहित है (‘आयु’: “जीवन” और ‘वेद’: “ज्ञान”) स्वस्थ्य रहने का ज्ञान है और सिर्फ बीमारी के इलाज तक सिमित नहीं है। ~ शरदिनी, उर्मिला
- आयुर्वेद में सिद्धांत है कि कुछ भी भोजन, दवा, या ज़हर हो सकता है, निर्भर करता है कि कौन खा रहा है, क्या खा रहा है, और कितना खा रहा है। इस सन्दर्भ में एक प्रचलित कहावत है: “एक आदमी का खाना दूसरे आदमी का ज़हर है।” ~ सेबेस्टियन पोल
- सामान्यतया, आयुर्वेद चावल, गेहूं, जौ, मूंग दाल, शतावरी, अंगूर, अनार, अदरक, घी (मक्खन), क्रीम दूध और शहद को सबसे अधिक लाभकारी खाद्य पदार्थ मानता है। ~ सेबेस्टियन पोल
- योग का विज्ञान और आयुर्वेद; चिकित्सा विज्ञान की तुलना में सूक्ष्म हैं, क्योंकि अकसर चिकित्सा विज्ञान सांख्यिकीय गड़बड़ी का शिकार हो जाता है।” ~ अमित रे
- क्योंकि हम अपने अंदरुनी शरीर को स्क्रब नहीं कर सकते हमें अपने ऊतकों, अंगों, और मन को शुद्ध करने कुछ उपाय सीखने होंगे। ये आयुर्वेद की कला है। ~ सेबस्टियन पोल
- आयुर्वेद हमें “जैसा है” वैसे प्यार करना सिखाता है- ना कि जैसा हम सोचते हैं लोग “होने चाहिएं।” ~ लीजा कॉफे
- समय बदल रहा है और न सिर्फ भारत के नीति निर्माता, बल्कि पूरी दुनिया आयुर्वेद के महत्व को समझ रही है। कुछ साल पहले कौन सोच सकता था कि महानगरीय संस्कृति में पले-बढे लोग निकट भविष्य में कार्बोनेटेड शीतल पेय से अधिक लौकी का रस या करौंदे का रस पसंद करेंगे। ~ आचार्य बालकृष्ण
- अच्छे स्वास्थ्य के लिए जो आयुर्वेदिक मार्ग है उसमे दो सरल कदम शामिल हैं:
१. कम करना;
२. अधिक होना। ~ शुभ्रा कृष्ण - आयुर्वेद के बारे में एक बहुत अच्छी बात ये है कि इसके उपचार से हमेशा साइड बेनिफिट्स होते हैं, साइड इफेक्ट्स नहीं। ~ शुभ्रा कृष्ण
- आयुर्वेद हमें हमारी सहज-प्रकृति को संजोना सिखाता है- “हम जो हैं उससे प्रेम करना, उसका सम्मान करना”, वैसे नही जैसा लोग सोचते हैं या कहते हैं, “हमे क्या होना चाहिए। “ ~ प्राण गोगिया
- कोई भी दवा अन-हेल्दी लिविंग की क्षतिपूर्ति नहीं कर सकती है। ~ रेणु चौधरी
- अपने परमानन्द का अनुसरण करना और खुशबु, रंग,एवं स्वाद के रहस्य में गोता लगाना; प्रकृति माँ की शानदार विविधता में खो जाना, और भीतरी चिन्हों का अनुगमन करके जानना कि हम सचमुच कौन हैं – यही आयुर्वेदिक पाकशास्त्र का विज्ञान है। ~ प्राण गोगिया
- जब आहार गलत हो, दवा किसी काम की नहीं है; जब आहार सही हो, दवा की कोई ज़रुरत नहीं है। ~ आयुर्वेदिक कहावत
- आयुर्वेद योग की सिस्टर फिलॉसफी है। ये जीवन या दीर्घायु होने का विज्ञान है और ये हमें प्रकृति की शक्तियों, चक्र और तत्वों के बारे में भी सिखाता है। ~ क्रिस्टी टरलिंग्टन