इस्लाम पर अनमोल विचार: इस्लाम एक एकेश्वरवादी धर्म है, जो इसके अनुयायियों के अनुसार, अल्लाह के अंतिम रसूल और नबी, मुहम्मद द्वारा मनुष्यों तक पहुंचाई गई अंतिम ईश्वरीय पुस्तक कुरान की शिक्षा पर आधारित है। कुरान अरबी भाषा में रची गई और इसी भाषा में विश्व की कुल जनसंख्या के 25% हिस्से, यानी लगभग 1.6 से 1.8 अरब लोगों, द्वारा पढ़ी जाती है; इनमें से (स्रोतों के अनुसार) लगभग 20 से 30 करोड़ लोगों की यह मातृभाषा है। मुहम्मद के मुँह से कथित होकर लिखी जाने वाली पुस्तक और पुस्तक का पालन करने के निर्देश प्रदान करने वाली शरीयत ही दो ऐसे संसाधन हैं जो इस्लाम की जानकारी स्रोत करार दिये जाते हैं। प्रस्तुत हैं इस्लाम धर्म से जुड़े कुछ अनमोल विचार।
इस्लाम पर अनमोल विचार हिंदी भाषा से
- जिसके कार्य – कलाप उसके परिवार के द्वारा बहुत पसन्द किये जाते है, वही सच्चा मुसलमान है!
- जब तुम बोलो तो सच बोलो, जब वचन दो तो उसे पूरा करो, अपने दायित्व का निर्वाह करो, व्यभिचार न करो, पवित्र बनो बुरे विचार मन में मत लाओ, अपने हाथ को रोको प्रहार करने से तथा उस चीज को ग्रहण करने से जो अवैध और बुरी है!
- सच्चा मोमिन खुशहाली में अल्लाह का शुक्रिया अदा करता है और जब वह मुफलिसी में होता है तो उसके इच्छा के प्रति समर्पित होता है!
- सबसे अच्छा मुसलमानी घर वह है, जहां यतीम पलता है और सबसे बुरा घर वह है, जहां यतीम के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है!
- अल्लाह उस पर इनायत करता है, जो खुद अपनी मेहनत से अपनी जीविका उपार्जित करता है, न की भीख मांग कर!
- अल्लाह अपने धर्म प्रचारकों के प्रति जो प्रेम करता है वह माता के द्वारा शिशु के प्रति किये जाने वाले प्रेम से अधिक है!
- अल्लाह के नजर में सर्वोत्कृष्ट सहचर वह है, जो अपने सहचरों के लिए सर्वोत्कृष्ट हो और सबसे अच्छा पडोसी वह है, जो अपने पड़ोसियों के लिए अच्छा हो!
- तुम तब तक जन्नत में प्रवेश नहीं कर सकोगे, जब तक ईमान न लाओगे और तब तक तुम्हारा ईमान पूरा नहीं होगा, जब तक तुम परस्पर प्यार न करोगे।
- चुगली व्यभिचार से भी बुरी है। अल्लाह तब तक चुगलखोर को माफ नहीं करेगा, जब तक उसका साथी (जिसकी उसने बुराई की है) उसे नहीं माफ कर देता।
- मैंने कहा, “ए अल्लाह के! मुझे इस्लाम के बारे में कुछ ऐसा बता, जो मेरे लिए काफी हो और मुझे तेरे बाद किसी से इसके बारे में पूछना न पड़े।” रसूल ने कहा, “तू कह कि मै अल्लाह पर ईमान लता हूं और फिर उस पर कायम रह।”
- एक आदमी ने पूछा, “ऐ अल्लाह के रसूल! इस्लाम का सर्वोत्कृष्ट अंग कौनसा है?” उन्होंने कहा, “यह कि तू जिन्हें जानता है और जिन्हें नहीं जानता, उन सबको सलाम कर।”
- अगर तुम अल्लाह पर ईमान रखते हो क्योंकि उस पर ईमान रखा ही जाना चाहिए, तो वह तुम्हेँ ठीक वैसे ही देगा, जैसे वह परिन्दों को देता है। वे सुबह खाली और भूके पेट निकलते हैं और शाम को भरपेट होकर लौटते हैं।
- मजदुर को उसका मेहनताना उसके पसीने के सूखने से पहले दे दें।
- ऐ अल्लाह, मुझे तू अपना प्यार दे, मुझे वर कि मैं उनसे प्यार करूं, जो मुझे प्यारे हैं, मैं वह कम करूं, जिससे तेरा प्यार मिले, तू अपना प्यार मेरे लिए अपने आपसे, परिवार या धन से अधिक प्यारा बना दे।
- वह हममें से नहीँ है, जो बच्चों के प्रति स्नेहवान नहीँ होता और बुजुर्गो की प्रतिष्ठा का सम्मान नहीँ करता और वह हममें से नहीं है, जो भलाई का हुक्म नहीं देता और बुराई को नहीं रोकता।
- जो अल्लाह की राह पर खर्च करने में कंजूसी करता है, वह असल में अपने ही साथ कंजूसी करता है।