सचिन तेंदुलकर के अनमोल विचार

सचिन तेंदुलकर के अनमोल विचार

सचिन रमेश तेंदुलकर (जन्म: 24 अप्रैल 1973) क्रिकेट के इतिहास में विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ौं में गिने जाते हैं। भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित होने वाले वह सर्वप्रथम खिलाड़ी और सबसे कम उम्र के व्यक्ति हैं। राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित एकमात्र क्रिकेट खिलाड़ी हैं। सन् २००८ में वे पद्म विभूषण से भी पुरस्कृत किये जा चुके है।
  • मैं कभी भी बहुत दूर की नहीं सोचता, मैं एक वक्त पर एक ही चीज के बारे में सोचता हूँ।
  • एक बार जब मैं फील्ड में पहुँच जाता हूँ तो वो मेरे लिए एक अलग क्षेत्र होता है और मेरी जीतने की भूख हमेशा वहा होती है।
  • मैं एक खिलाडी हूँ राजनेता नहीं, मैं क्रिकेट छोड़कर पॉलिटिक्स में नहीं जा रहा। क्रिकेट मेरी ज़िन्दगी है और मैं हमेशा उसी के साथ रहूँगा।
  • किसी भी एक्टिव खिलाडी को अपना ध्यान अपने लक्ष्य पर केन्द्रित करना होगा और अपने मन को सही दिशा में लगाना होगा क्योंकि अगर आपका फोकस कही और होगा तो आपको अच्छा रिजल्ट प्राप्त नहीं हो सकता।
  • पाकिस्तान को हराना हमेशा से स्पेशल रहा है क्योंकि पाकिस्तानी टीम एक मुश्किल टीम रही हैं और पाकिस्तान का इतिहास सब कुछ स्पष्ट बता देता है।
  • अगर कोई आदमी क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहा हो तो कोई बात बिगड़ने पर उस ब्यक्ति को दोषी ठहराया जाना चाहिए।
  • आलोचकों को मेरे शरीर और दिमाग के बारे में कुछ भी पता नहीं उन्होंने मुझे मेरा क्रिकेट खेलना नहीं सिखाया है।
  • मैंने हमेशा से भारत के लिए खेलने का सपना देखा था किन्तु यह मुझ पर कभी दबाव नहीं डाल सका।
  • वर्ल्ड कप हमेशा अलग गेम है और यहाँ परफॉर्म करने का अपना अलग महत्व होता है।
  • मुझे लगता है की मेरे साथ मैच, वास्तविक मैच की तुलना में बहुत पहले शुरू हो जाता है।
  • मेरे हिसाब से यह हमारा चेतन मन होता है जो चीजों को खराब कर देता है,चेतन मन लगातार कहता है कि यह हो सकता है या यह हुआ है और पहले भी ऐसा हुआ है। आपका चेतन मन कहता है अगली गेंद एक आउट स्विंगर हो सकता है, लेकिन यह इन स्विंगर होता है।
  • हमेशा हमारी योजनानुसार चीजें नहीं होती लेकिन मुझे लगता है कि यदि हमने ज्यादातर पहलुओं को कवर कर दिया तो यह हमें कई मुसीबतों से बाहर निकालने में मदद करता है।
  • मैं तुलना में कभी विश्वास नहीं करता, चाहे वह विभिन्न युग के बारे में हो, खिलाड़ी या कोच के बारे में हो।
  • जब मैं क्रिकेट खेलता हूँ तो क्रिकेट के बारे में सोचता हूँ और जब मैं परिवार के साथ समय बिताता हूँ तो उस समय सिर्फ परिवार के बारे में सोचता हूँ।
  • जब कोई प्लेयर लम्बे समय बाद गेम में वापसी करता है तो उसे बड़ा रन स्कोर करने की ललक होती है।
  • मैं अपने पिता को देख बड़ा हुआ हूँ और कैसे व्यवहार किया जाता है यह मैंने उनसे सीखा है।वे स्वभाव से बड़े शांत व्यक्ति थे और मैंने उन्हें कभी गुस्सा होते नहीं देखा।
  • सामाजिक कार्य के लिए किये जाने वाले प्रयास यदि अपने स्वार्थ के लिए हों, तो वे कार्य एक समय बाद मर जायेंगे।
  • क्रिकेट मेरा पहला प्यार है और मैं क्रिकेट में हार से बहुत नफ़रत करता हूँ।
  • मैदान के अन्दर और बाहर हर किसी का खुद को पेश करने की शैली और तरीका अलग-अलग होता है।
  • मैंने कभी भी खुद को किसी भी लक्ष्य के लिए मजबूर नहीं किया और न ही कभी अपनी तुलना किसी और से की।
  • हर खिलाडी जीत के लिए अपना पूरा योगदान देते है जिस कारण जीत हमेशा महान मिलती है।
  • मैं क्रिकेट को बड़ी आसानी से लेता हूँ, गेंद पर नजर बनाये रखो और उसे अपनी पूरी योग्यता से खेलो।
  • मैं जब भी क्रिकेट खेल रहा होता हूँ तो मैं क्रिकेट के अलावा और कुछ नहीं सोचता।

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