Friedrich Nietzsche Hindi Quotes जर्मन फिलॉस्फर फ्रेडरिक नीत्शे के अनमोल विचार

Friedrich Nietzsche Hindi Quotes जर्मन फिलॉस्फर फ्रेडरिक नीत्शे के अनमोल विचार

  • एक धार्मिक व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद मुझे हमेशा लगता है कि मुझे अपने हाथ ज़रूर धो लेने चाहिए।
  • अंत में, ये इच्छा है, ना की इच्छित वास्तु, जिसे हम चाहते हैं।
  • विजिनरी खुद से झूठ बोलता है, लायर सिर्फ दूसरों से।
  • किसी कारण को नुक्सान पहुंचाने का सबसे अधर्मी तरीका है उसका जानबूझ कर गलत तर्कों से बचाव करना।
  • वास्तविकता में आशा सभी बुराइयों में सबसे बुरी है क्योंकि ये इंसान की पीड़ा को लम्बा खींचती है।
  • कोई अपने गुरु का कर्ज ठीक से नहीं चुकाता है यदि वो हमेशा कुछ और नहीं बस एक शिष्य ही बना रह जाता है।
  • अपने बारे में अधिक बात करना भी अपने आप को छुपाने का एक साधन हो सकता है।
  • जब भी मैं चढ़ता हूँ मेरे पीछे “अहंकार” नाम का एक कुत्ता आ जाता है।
  • पछतावा – कभी पछतावा मत करिए, बल्कि तुरंत खुद से कहिये: पछतावा का बस ये मतलब होगा एक बेवकूफी में दूसरी बेवकूफी जोड़ना।
  • यह मेरी महत्त्वाकांक्षा है कि जो बात लोग पूरी किताब में कहते हैं उसे मैं दस वाक्यों में कह दूँ।
  • दुनिया में मनुष्य को उसकी नाराजगी के जूनून से अधिक और कुछ भी नष्ट नहीं करता है।
  • धारणा असत्य की तुलना में सत्य की अधिक खतरनाक दुश्मन है।
  • मुक्ति की मुहर क्या है? स्वयं के सामने शर्मिंदा ना होना।
  • जब उसका काम बोलने लगे तो लेखक को अपना मुंह बंद रखना चाहिए।
  • प्यार अँधा होता है। दोस्ती अपनी आँखे बंद कर लेती है।
  • यूरोप के दो महान मादक द्रव्य, शराब और क्रिश्चियनिटी।
  • मैं एक चीज हूँ, मेरे लेख एक और चीज हैं।
  • बिना भूले जी पाना बहुत मुश्किल है।
  • बिना अपवित्र हुए दूषित धारा को धारण करने के लिए आपको एक समुद्र होना चाहिए।
  • प्लेटो उबाऊ था।
  • सच क्या है, सहमत हुआ एक झूठ।
  • वह जो सबसे ऊँचे पहाड़ों पर चढ़ता है सभी दुखों पर हंसता है, सच्चे ये काल्पनिक।
  • एक विचार तब आता है जब उसे आना होता है, ना कि जब मैं चाहता हूँ।

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