अंतरराष्ट्रीय नारी दिवस पर नारे: अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) हर वर्ष, 8 मार्च को मनाया जाता है। विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट करते हुए इस दिन को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। प्रस्तुत है इस विषय पर कुछ लोकप्रिय नारे (Slogans)…
अंतरराष्ट्रीय नारी दिवस पर नारे
अंतरराष्ट्रीय नारी दिवस पर नारे:
- जब नारी में शक्ति सारी
फिर क्यों नारी हो बेचारी - नारी का जो करे अपमान
जान उसे नर पशु समान - हर आंगन की शोभा नारी
उससे ही बसे दुनिया प्यारी - राजाओं की भी जो माता
क्यों हीन उसे समझा जाता - अबला नहीं नारी है सबला
करती रहती जो सबका भला - नारी को जो शक्ति मानो
सुख मिले बात सच्ची जानो - क्यों नारी पर ही सब बंधन
वह मानवी, नहीं व्यक्तिगत धन - सुता बहु कभी माँ बनकर
सबके ही सुख-दुख को सहकर - अपने सब फर्ज़ निभाती है
तभी तो नारी कहलाती है - आंचल में ममता लिए हुए
नैनों से आंसु पिए हुए - सौंप दे जो पूरा जीवन
फिर क्यों आहत हो उसका मन - नारी ही शक्ति है नर की
नारी ही है शोभा घर की - जो उसे उचित सम्मान मिले
घर में खुशियों के फूल खिलें - नारी सीता नारी काली
नारी ही प्रेम करने वाली
नारी कोमल नारी कठोर
नारी बिन नर का कहां छोर - नर सम अधिकारिणी है नारी
वो भी जीने की अधिकारी
कुछ उसके भी अपने सपने
क्यों रौंदें उन्हें उसके अपने - क्यों त्याग करे नारी केवल
क्यों नर दिखलाए झूठा बल
नारी जो जिद्द पर आ जाए
अबला से चण्डी बन जाए
उस पर न करो कोई अत्याचार
तो सुखी रहेगा घर-परिवार - जिसने बस त्याग ही त्याग किए
जो बस दूसरों के लिए जिए
फिर क्यों उसको धिक्कार दो
उसे जीने का अधिकार दो - नारी दिवस बस एक दिवस
क्यों नारी के नाम मनाना है
हर दिन हर पल नारी उत्तम
मानो, यह नया ज़माना है
भारतीय संस्कृति में नारी के सम्मान को बहुत महत्व दिया गया है। संस्कृत में एक श्लोक है – ‘यस्य पूज्यंते नार्यस्तु तत्र रमन्ते देवता:‘। अर्थात्, जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं। किंतु वर्तमान में जो हालात दिखाई देते हैं, उसमें नारी का हर जगह अपमान होता चला जा रहा है। उसे ‘भोग की वस्तु’ समझकर आदमी ‘अपने तरीके’ से ‘इस्तेमाल’ कर रहा है। यह बेहद चिंताजनक बात है। लेकिन हमारी संस्कृति को बनाए रखते हुए नारी का सम्मान कैसे किय जाए, इस पर विचार करना आवश्यक है।