नरेन्द्र मोदी के अनमोल विचार: नरेन्द्र दामोदरदास मोदी (जन्म: 17 सितम्बर 1950) भारत के वर्तमान प्रधानमन्त्री हैं। भारत के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने उन्हें 26 मई 2014 को भारत के प्रधानमन्त्री पद की शपथ दिलायी। वे स्वतन्त्र भारत के 15वें प्रधानमन्त्री हैं तथा इस पद पर आसीन होने वाले स्वतंत्र भारत में जन्मे प्रथम व्यक्ति हैं।
प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के अनमोल विचार
नरेन्द्र मोदी के अनमोल विचार: प्रेरणादायक उद्धरण
- केंद्र सरकार की आतंकवाद से निपटने की कोई इच्छा नहीं है। यह समय की माँगा है कि आतंकवाद के खिलाफ सख्त कारवाई की जाए, जैसा की अमेरिका ने 9/11 के बाद किया और तबसे आतंकवादी उस देश की तरफ देखने की हिम्मत नहीं कर पाए।
- मैं केंद्र की सरकार को चेतावनी देना चाहता हूँ कि कश्मीर का मुद्दा बहुत संवेदनशील है और उन्हें किसी भी निष्कर्ष पर पहुँचने से पहले देश की जनता को विश्वास में लेना होगा।
- गुजरात ने हमेश देश को एक नया रास्ता दिखाया है। महात्मा गांधी और सरदार पटेल ने आजादी के लिए देश का नेतृत्व किया और अब गुजरात कृषि, शिक्षा और पेट्रो रसायन जैसे कई क्षेत्रों में देश में अग्रणी है।
- गुजरात संभवतः एकमात्र ऐसा राज्य है जहाँ आंगनवाडी कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया जाता है।
- पश्चिम में लोगों ने भारतीयों के प्रति एक गलत धारणा बना राखी है क्योंकि हम पेड़ों की पूजा करते हैं। हम पेड़ों को देवी-देवता का नाम देते हैं और फिर भी उन्हें काट देते हैं। इसी तरह, हिन्दू देवता किसी न किसी जानवर, पक्षी या पेड़ से सम्बंधित होते हैं। ये हमें उनका सम्मान करना सीखाता है।
- नाग पंचमी का पर्व इसलिए बनाया गया था क्योंकि सांप मानसून में बाहर निकलते हैं। डरने वाले उन्हें जान से मार सकते हैं। साँपों की पूजा करने की परंपरा इसलिए शुरू की गयी थी ताकि कोई उन्हें मारे नहीं।
- हमें अहमदाबाद और मुंबई के बीच एक तेज और इको-फ्रेंडली परिवहन सुविधा की आवश्यकता है, जो गुजरात और पश्चिम भारत की अर्थव्यवस्था के तीव्र विकास में मदद करेगा।
- मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूँ कि गुजरात में बनी ट्रेन दिल्ली में भारी चिंता का विषय बन सकती है।
- जब कोई और खिलाड़ी कम रन बना कर आउट होता है तो लोग दुखी नहीं होते, लेकिन सचिन तेंदुलकर अगर ९० रन पर भी आउट होता है तो उसकी आलोचना होती है क्योंकि लोग उसका आंकलन एक अलग स्तर पर करते हैं। मैं खुश हूँ कि मुझे भी उम्मीदों के पैमाने पर आँका गया है, न कि यश-अपयश के पैमाने पर।
- मेरा निर्णय शुरू से स्पष्ट है कि मैं गुजरात में हूँ, गुजरात में रहूँगा और राज्य के लोगों की सेवा करूँगा।
- राजनीति में कोई पूर्ण विराम नहीं होता।
- लोकतंत्र में, जनमत हमेशा निर्णायक होता है और हम सभी को विनम्रता के साथ इसे स्वीकार करना होगा।
- पाकिस्तान में सिखों पर अत्याचार किया जा रहा है। उन्हें जज़िया (गैर–मुसलमानों की रक्षा के लिए कर) देने के लिए कहा जा रहा है, उन्हें पांच करोड़ रूपये देने के लिए कहा जा रहा है। मैं हमारे प्रधानमंत्री से पूछना चाहता हूँ कि उन्होंने अब तक इसके लिए क्या किया है?
- जब हम कहते हैं कि प्रधान मंत्री कमजोर है तब हम उसकी शारीरिक योग्यता के बारे में बात नहीं कर रहे होते। हमारा मतलब होता है कि जिस पद पर वो बैठे हैं उसकी गरिमा कम हो गयी है। जिस कार्यालय में वो बैठते हैं, प्रधानमंत्री कार्यालय उसे सबसे ताकतवर माना जाता है, सशक्त कार्यालय, लेकिन इस कार्यालय की शक्ति दिखाई नहीं देती।
- कुछ नेता मेरे खिलाफ कहानिया गढ़ रहे हैं। तुमने मेरी सेवाएं लीं और अब मुझे किनारे करना चाहते हो। यह बिलकुल अनुचित और अस्वीकार्य है।
- गुजरात में मुसलमानों के बीच साक्षरता किसी भी अन्य राज्य की तुलना में अधिक है।
- कांग्रेस एक 125 वर्षीय बुढ़िया बन गयी है और देश के लिए एक बोझ है। भारत को ’29 साल की नौजवान’ भाजपा की जरूरत है।
- हर एक नीति के लिए उनके पास एक मिसाल है। मेरी दादी ने ये किया, मेरे पिता ने वो किया और मेरे पर-दादा ने कुछ और किया। क्या ऐसे ही आप देश चलाते हैं?