गणतंत्र पर अनमोल विचार
एक स्वतंत्र गणराज्य बनने और देश के संक्रमण को पूरा करने के लिए, 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा इस संविधान को अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को इसे एक लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया था। 26 जनवरी को इसलिए चुना गया था क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था।
यह भारत के तीन राष्ट्रीय अवकाश में से एक है, अन्य दो स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती है।
गणतंत्र पर अनमोल विचार विद्यार्थियों और बच्चों के लिए
- हम भारतीय हैं, पहले और आखिर में।
~ बी. आर. अम्बेडकर - नागरिकता देश की सेवा में निहित हैं।
~ जवाहरलाल नेहरू - सहिष्णुता और स्वतंत्रता एक महान गणतंत्र की नींव हैं।
~ फ्रैंक लॉयड राइट - सोसायटी एक रिपब्लिक है। जब कोई खुद को औरों से ऊपर उठाना चाहता है तो उन्हें उपहास या बदनामी के द्वारा लोग नीचे खींच लेते हैं।
~ विक्टर ह्यूगो - बाइबिल वो चट्टान है जिसपर ये गणतंत्र टिका है।
~ एंड्रू जैक्सन - किसी गणतंत्र में इस नियम का ध्यान रखना चाहिए कि बहुमत के पास प्रबल शक्ति ना हो।
~ मार्कस टूलियस सिसेरो - दुनिया सामान्यता का एक गणराज्य है, और हमेशा था।
~ थॉमस कार्लाइल - सामान्यता के गणराज्य में, प्रतिभा खतरनाक है।
~ रोबर्ट ग्रीन इंगरसोल - मैंने हमेशा ये माना है कि किसी आदमी के गुण को उसे धोखा देने का साधन बनाना मानव प्रकृति के महान गणतंत्र के खिलाफ राजद्रोह के सामान है।
~ सैमुअल जॉनसन - सच्चा गणराज्य: आदमी, उनके अधिकार और कुछ नहीं , औरत, उनके अधिकार और उससे कम कुछ नहीं।
~ फ्रेंकलिन पी. एडम्स - गणतंत्र की उम्मीद किस पर टिकी हुई है? एक देश, एक भाषा, एक झंडा!
~ अलेक्जेंडर हेनरी - हमारा संविधान काम करता है। हमारा माहन गणतंत्र कानूनों की सरकार है, पुरुषों की नहीं।
~ गेराल्ड आर फोर्ड - गणतंत्र का भाग्य बदलने की शक्ति भावी पीढ़ी के पत्रकारों के हाथों में होगी।
~ जोसेफ पुलित्जर - अरब रिपब्लिक ऑफ़ इजिप्ट का राष्ट्रपति सशस्त्र बलों का कमांडर है, पूर्ण विराम।
~ मुहम्मद मोर्सी - हमारा गणतंत्र और उसकी प्रेस एक साथ उठेंगे या गिर जायेंगे।
~ जोसेफ पुलित्जर - नया गणतंत्र विविधता, सम्मान और सभी के लिए समान अधिकार पर आधारित होना चाहिए।
~ एवो मोरालेस - क़ानून और व्यवस्था राजनीतिक शरीर की दवा है और जब राजनीतिक शरीर बीमार पड़े तो दवा ज़रूर दी जानी चाहिए।
~ बी. आर. अम्बेडकर - मुझे लगता है संविधान व्यवहारिक है, ये शांतिकाल और युद्धकाल दोनों ही समय देश को बांधे रखने के लिए लचीला भी है और मजबूत भी। वास्तव में मैं कह सकता हूँ कि यदि नए संविधान के अंतर्गत कुछ गलत होता है, तो उसका कारण ये नहीं होगा कि हमारा संविधान खराब है। हमें ये कहना होगा कि ये मनुष्य की नीचता थी।
~ बी. आर. अम्बेडकर - एक बात स्पष्ट है: हमारे संस्थापक कभी ऐसा देश नहीं चाहते थे जहाँ नागरिकों को लगभग अपनी पूरी कमाई का आधा हिस्सा सरकार को देना पड़े।
~ रॉन पॉल - मुझे उन लोगों से समस्या है जो संविधान को हलके में लेते हैं और बाइबिल को हकीकत में।
~ बिल मेहर - मैं अपने देश से प्रेम करता हूँ, अपनी सरकार से नहीं।
~ जेसी वेंचुरा - मृत को जीवित पर शाशन नही करना चाहिए।
~थॉमस जेफरसन - संविधान में किसी चीज के साथ हस्तक्षेप नहीं कीजये। उसे बनाये रखा जाना चाहिए, क्योंकि हमारे स्वतंत्रता का यही एक रक्षक है।
~ अब्राहम लिंकन