शिव खेरा के प्रमुख विचार

शिव खेरा के प्रमुख विचार

शिव खेरा: शिव खेड़ा अमेरिका में “क्वालिफाइड लर्निग सिस्टम इंक” के संस्थापक हैं। वे प्रख्यात पुस्तक “जीत आपकी” के लेखक हैं। शिव खेड़ा की पुस्तक “यू कैन विन” की इस बात के लिये काफी आलोचना हुई है कि उन्होंने काफी सामग्री किसी दूसरी पुस्तक से ली है। ७३ प्रतिशत चुटकुले एवं सूक्तियाँ भी ७० वर्षीय अमृत लाल जी की पुस्तक “एनफ़ इज़ एनफ़” से ली गई हैं।

  • जीतने वाले अलग चीजें नहीं करते, वो चीजों को अलग तरह से करते हैं।
  • जीतने वाले लाभ देखते हैं, हारने वाले नुकसान।
  • “यदि आपको लगता है कि आप कर सकते हैं – तो आप कर सकते हैं! अगर आपको लगता है कि आप नहीं कर सकते – तो आप नहीं कर सकते दोनों ही सूरतों में आप सही हैं।
  • विपरीत परिस्थितियों में कुछ लोग टूट जाते हैं, तो कुछ लोग लोग रिकॉर्ड तोड़ते हैं।
  • विजेता बोलते हैं की “मुझे कुछ करना चाहिए”, हारने वाले बोलते हैं की “कुछ होना चाहिए”।
  • चरित्र का निर्माण तब नहीं शुरू होता जब बच्चा पैदा होता है; ये बच्चे के पैदा होने के सौ साल पहले से शुरू हो जाता है।
  • सत्य का क्रियान्वन ही न्याय है।
  • जो भी उधर लें उसे समय पर चूका दें क्यूंकि इससे आपकी विश्वसनीयता बढाती है।
  • एक देश नारे लगाने से महान नहीं बन जाता।
  • किसी डिग्री का ना होने दरअसल फायेदेमंद है। अगर आप इंजिनियर या डाक्टर हैं तब आप एक ही काम कर सकते हैं। पर यदि आपके पास कोई डिग्री नहीं है, तो आप कुछ भी कर सकते हैं।
  • हमारी बिजनेस से सम्बंधित समस्याएं नहीं होतीं, हमारी लोगों से सम्बंधित समस्याएं होती हैं।
  • अगर हम हल का हिस्सा नहीं हैं, तो हम समस्या हैं।
  • लोगों से साथ विनम्र होना सीखे। महत्वपूर्ण होना जरुरी है लेकिन अच्छा होना ज्यादा महत्वपूर्ण है।
  • कभी भी दुष्ट लोगों की सक्रियता समाज को बर्वाद नहीं करती, बल्कि हमेशा अच्छे लोगों की निष्क्रियता समाज को बर्वाद करती है।
  • आपने मित्रों को सावधानी से चुने। हमारे व्यक्तित्व की झलक न सिर्फ हमारे सांगत से झलकती है बल्कि, जिन संगतों से हम दूर रहते हैं उससे भी झलकती है।
  • जब कभी कोई व्यक्ति कहता है कि वो ये नहीं कर सकता है, तो असल में वो दो चीजें कह रहा होता है। या तो मुझे पता नहीं है कि ये कैसे होगा या मैं इसे करना नहीं चाहता।
  • इन्स्पीरेशन सोच है जबकि मोटीवेशन कार्रवाई है।
  • आत्म-सम्मान और अहंकार का उल्टा सम्बन्ध है।
  • लोग इसकी परवाह नहीं करते हैं कि आप कितना जानते हैं, वो ये जानना चाहते हैं कि आप कितना ख़याल रखते हैं।
  • किसी को धोखा न दें क्यूंकि ये आदत बन जाती है, और फिर आदत से व्यक्तित्व।
  • अच्छे लीडर्स और लीडर्स बनाने की चेष्ठा करते हैं, बुरे लीडर्स और फालोवार्स बनाने की चेष्ठा करते हैं।

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