एक महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक सिद्धांत के अनुसार हम लोग ‘दिमागी कंजूस’ हैं। इसका मतलब ये हुआ कि हम तब तक अपने दिमाग का इस्तेमाल नहीं करना चाहते जब तक कि मजबूरी न हो जाए। हम किसी जगह को ढूंढने के लिए अपने दिमाग़ पर ज़ोर डालने के बजाय ‘गूगल मैप’ या ऐसे ही किसी उपाय को ढूंढते हैं जो आसान हों।
बांटने से बढ़ता है दिमाग
- एक अच्छा दिमाग और अच्छा दिल हमेशा एक अजेय संयोजन होते हैं। ~ नेल्सन मंडेला
- बुद्धिमान राजाओं के पास बुद्धिमान सलाहकार होते हैं और जो ज्ञानी अज्ञानी में अंतर कर सके उसका खुद बुद्धिमान होना ज़रूरी है। ~ दाइओगीन्स
- कभी कोई व्यक्ति संयोग से ज्ञानी नहीं हुआ। ~ लुसियस अन्नायूस सेनेका
- व्यक्ति अपने बुद्धि दांतों को तब चोटिल करना शुरू करता है है जब वो पहली बार जितना चबा सके उससे ज्यादा काटता है। ~ हर्ब कैन
- उम्र के साथ बुद्धिमाता आ जाये ये जरुरी नहीं है। कभी-कभी उम्र बस अपने आप ही हो जाती है। ~ टॉम विल्सन
- एक चतुर सवाल बुद्धिमत्ता का आधा है। ~ फ्रांसिस बैकन
- आज जो भी सांसारिक ज्ञान है वो कभी कुछ बुद्धिमान लोगों का प्रतिकारक विधर्म था। ~ हेनरी डेविड थोरेओ
- खुश रहिये, यह ज्ञानी होने का एक तरीका है। ~ सिडोनी गाब्रिएल कोल्लेट
- सच्चा ज्ञान इसी में है कि आप ये समझे कि आप कुछ नहीं जानते हैं। ~ सुकरात
- नए व्यक्ति को नियम पता होते हैं, पुराने व्यक्ति को अपवाद। ~ ओलिवर वेन्डेल होल्म्स
- अकेले ज्ञानी बनने से अच्छा है कि सभी के साथ मूर्ख बने रहिये। ~ बल्त्सर ग्रासियन
- हम तीन तरीकों से ज्ञान अर्जित कर सकते हैं। पहला – चिंतन करके, जो कि सबसे सही तरीका है। दूसरा – अनुकरण करके, जो कि सबसे आसान है, और तीसरा – अनुभव से ,जो कि सबसे कष्टकारी है। ~ कन्फुशियस
- चालाकी बुद्धिमानी नहीं है। ~ यूरिपाइड्स
- सामान्य समझ जब असामान्य मात्रा में हो तो दुनिया उसे बुद्धिमत्ता कहती है। ~ सैमुएल टेलर कोलरिज
- बुद्धिमान लोग जितने अवसर मिलते हैं उससे ज्यादा अवसर बनाते हैं। ~ फ्रांसिस बैकन
- बुद्धि, करुणा और साहस, व्यक्ति के लिए तीन सार्वभौमिक मान्यता प्राप्त नैतिक गुण हैं। ~ कन्फुशियस
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