छत्तीसगढ़ के धमतरी से पांच किलोमीटर दूर पुरूर ग्राम में देवी माता मावली का प्राचीन मंदिर है। देवी मां के इस मंदिर में देवीयों का प्रवेश वर्जित है। मान्यता है की मंदिर के पुजारी जी को सपने में भूगर्भ से प्रगट हुई मां मावली ने दर्शन दिए और कहा कि वह अभी तक अविवाहित हैं इसलिए देवीयों का यहां प्रवेश वर्जित रखा जाए। पुजारी जी के इस सपने की बात चारों ओर फैल गई तभी से मां के दर्शनों के लिए केवल पुरूष ही जाते हैं।
इस मंदिर का मुख्य आकर्षण है गुलाब, गेंदा, सूरजमुखी, सेवंती के फूल। महिलाएं मुख्य मंदिर में नहीं जा सकती इसलिए मंदिर परिसर में छोटे सा मंदिर बनाया गया है, जहां देवीयां मां के दर्शन कर पूजा-अर्चना करती हैं। देवी मां को प्रशाद के रूप में नमक, मिर्ची, चावल, दाल, साड़ी, चुनरी आदि अर्पित किया जाता है। मुख्य मंदिर के बाहर से ही महिलाएं देवी माता मावली को प्रणाम करती हैं।
Where is the temple can I have the complete address please.