उल्लेखनीय है कि यह मंदिर सत्यनाराण की टेकरी गेंडेवाली सड़क के समीप हिन्दी माता मंदिर के पास बनाया गया है। अंतर्राष्ट्रीय अभिभाषक मंच द्वारा निर्मित इस मंदिर का संकल्प समाज में महिलाओं का मान-समान बढ़ाने की दिशा में लोगों को जागरुक और प्रेरित करने के उद्देश्य से लिया गया था। कल यहां जटायु प्रतिमा की विधि विधान से प्राण प्रतिष्ठा किए जाने के पहले सुबह से ही श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरु हो गया था।
अंतर्राष्ट्रीय अभिभाषक मंच के अध्यक्ष विजयसिंह चौहान ने बताया कि इस मंदिर के बन जाने से क्षेत्र में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। दरअसल यह पूरी दुनिया में पहला जटायु मंदिर बताया जा रहा है। इस संबंध में कलेक्टर डॉ. संजय गोयल के माध्यम से शासन और प्रशासन के स्तर पर पर्यटन की दृष्टि से इसको अंचल के पर्यटक स्थलों की सूची में शामिल किए जाने और प्रोत्साहित किए जाने की मांग की गई है।
ज्ञातव्य है कि जटायु रामायण के ऐसे महान व पूज्य चरित्र हैं जिनकी प्रेरणा से लोगों को नारी बचाओ और बेटी बचाओ की प्रेरणा मिलेगी। जिस तरह उन्होंने सीता माता का हरण करके ले जा रहे रावण से युद्ध करते हुए अपने प्राणों का भी बलिदान दे दिया, वह अनुकरणीय है। एडवोकेट विजय सिंह चौहान इससे पूर्व सत्यनारायण की टेकरी पर ही पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी का मंदिर भी बनवा चुके हैं। उसी मंदिर के पास जटायू मंदिर का निर्माण कराया गया है।