श्री गुरु जम्भेश्वर मंदिर, लोदीपुर धाम (लोदीपुर मंदिर) बिश्नोई समाज के अष्ट धामों में एक सबसे महत्वपुर्ण धाम (तीर्थ स्थल) है। यह स्थान उतरप्रदेश राज्य के मुरादाबाद जिले में स्थित है।
लोदीपुर में श्री गुरु जम्भेश्वरजी ने खेजड़ी का एक वृक्ष लगाया था, जिसे आज भी देखा जा सकता है। इसी खेजड़ी वृक्ष के पास गुरु जाम्भोजी का एक मन्दिर बना हुआ है। बिश्नोई समाज के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक लोदीपुर धाम हैं जो राजस्थान से बाहर उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है।
श्री गुरु जम्भेश्वर मंदिर, लोदीपुर धाम, मुरादाबाद
Name: | श्री गुरु जम्भेश्वर मंदिर, लोदीपुर धाम (Shri Guru Jambheshwar Temple, Lodipur Dham) |
Location: | Bishanpur, Lodhipur, Moradabad, Uttar Pradesh 244001 India |
Deity: | Guru Jambheshwar (Incarnation of Lord Vishnu) |
Affiliation: | Hinduism – Bishnoi Panth, also spelled as Vishnoi Panth, is a Hindu Vaishnava Sampradaya or Panth found in the Western Thar Desert |
Architecture: | – |
Creator: | – |
Festivals: | – |
Completed In: | – |
गुरु जम्भेश्वर भ्रमण काल में लोदीपुर पहुंचे थे। मुरादाबाद शहर से लगभग 5 KM दूर मुरादाबाद – दिल्ली रेलवे लाईन पर स्थित है।
गुरु जम्भेश्वर (जांभोजी): बिश्नोई धर्म के संस्थापक, पर्यावरण प्रेणता (Guru Jambheshwar: Founder of Bishnoi religion, environmentalist) श्री गुरु जम्भेश्वर भगवान (Guru Jambheshwar Bhagwan) का जन्म 1451 ईस्वी में राजस्थान के पीपासर गांव में हुआ था गुरु जम्भेश्वर जी (Jambheshwar Ji) ने हिन्दू धर्म के अंतर्गत एक नवीन सम्प्रदाय “बिश्नोई“ की स्थापना। जम्भेश्वर जी ने अपने उपदेशों में 29 नियम, 120 शब्दों की शब्दवाणी देकर हमें एक नये समाज को दिशा प्रदान की। उन्होनें 51 वर्षों तक भारत भ्रमण, उपदेश, चमत्कार, अहिंसा, पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक सुधार का कार्य किया। 1536 ईस्वी में लालासर में परलोग भगवान विष्णु के रूप में अजेय हो गये।