कंकाली मंदिर, गांव गुदावल, रायसेन जिला, मध्यप्रदेश

कंकाली मंदिर, गांव गुदावल, रायसेन, मध्यप्रदेश

आज तक हमने आपको देवी के ऐसे कई मंदिरों के बारे में बताया है जिनके रहस्य बहुत हैरान कर देने वाला होता है। लेकिन आज हम आपको जिस मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं उस के बार में जानकर आप यकीनन अपने होश खो बैठेंगे। जी हां, इस मंदिर से जुड़ी एक ऐसी अद्भुत और दिलचस्प बात है जो आप चौका के रख देगी। हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश के रायसेन जिले के गांव गुदावल में स्थापित कंकाली मंदिर की। वैसे तो सभी जानते हैं कि मां अपने चमत्कारों के लिए हमेशा जानी जाती हैं लेकिन इस मंदिर में देवी का चमत्कार बाकी के मंदिर से बहुत अलग है। कहा जाता है कि इस मंदिर में स्थापित माता की मूर्ति की गर्दन तिरछी है जो अचानक खुद से सीधी हो जाती है।

कहा जाता है कि इस चमत्कार को यहां रहने वाले लोगों के साथ-साथ अन्य देशों-विदेशों से आए लोगों ने भी खुद देखा है। इसे लेकर एक मान्यता ये प्रचलित है कि अगर नवरात्र के दौरान माता की गर्दन को सीधा होते हुए देख लेता है उसके जीवन के सभी बिगड़े काम बन भी सीधे हो जाते हैं। परंतु कहा जाता है ये अवसर केवल कुछ सौभाग्यवान लोगों को ही प्राप्त होता है। कंकाली मंदिर के नाम से प्रसिद्ध इस मंदिर में मां काली की 20 भुजाओं वाली मूर्ति के साथ-साथ भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश की मूर्तियां भी स्थापित हैं। कहा जाता है कि हरे-भरे जंगलों के बीच यह मंदिर आकर्षण का प्रमुख केंद्र बना हुआ है।

यहां के पुजारियों के मुताबिक लगभग नवरात्र के दिनों में माता की 45 डिग्री झुकी गर्दन कुछ पलों के लिए सीधी हो जाती है, जिसे देखने लोग दूर से दूर आते हैं। इसके अलावा एक और मान्यता प्रचलित है कि जिन महिलाओं की गोद सूनी होती है यानि जिनकी कोई संतान नहीं होती अगर वह श्रृद्धाभाव से यहां गोबर से उल्टे हाथ लगाती हैं तो उनकी गोद भर जाती हैं। कहते हैं जब उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है तो गोबर के साथ हाथों के सीधे निशान बनाती हैं। इसी मान्यता के चलते यहां हाथों के हजारों निशान बने हुए देखने को मिलते हैं।

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