करमनघाट हनुमान मंदिर, हैदराबाद, तेलंगाना

करमनघाट हनुमान मंदिर, हैदराबाद, तेलंगाना: रविवार को होती है हनुमान पूजा

हैदराबाद का करमनघाट हनुमान मंदिर: मंगल नहीं… रविवार को होती है हनुमान पूजा, मंदिर तोड़ने आया औरंगजेब काँपा था डर से

औरंगजेब की सेना करमनघाट हनुमान मंदिर के भीतर प्रवेश भी न कर सकी। गुस्से में औरंगजेब ने खुद मंदिर को नष्ट करने के लिए हथियार उठाया, लेकिन मंदिर से एक भयंकर गर्जना सुनाई दी। इस आवाज को सुनकर औरंगजेब भय से काँप उठा, उसके हाथ से हथियार छूट गए।

Name: करमनघाट हनुमान मंदिर (Karmanghat Hanuman Temple / Sri Karmanghat Hanuman Devastanam)
Location: 8-2-61, Inner Ring Rd, Virat Nagar, Champapet, Hyderabad, Telangana 500079 India
Deity: Lord Hanuman, Lord Rama, Lord Shiva, Goddess Saraswati, Goddess Durga, Goddess Santoshi Mata, Lord Venugopal Swamy and Lord Jagannath
Affiliation: Hinduism
Completed In: 12th century
Architecture:
Creator: Raja Kakatiya

तेलंगाना के हैदराबाद (प्राचीन भाग्यनगर) में स्थित है करमनघाट हनुमान मंदिर। भारत के किसी भी अन्य हिस्सों में स्थित हनुमान जी के मंदिरों से अलग इस मंदिर में मंगलवार या शनिवार की बजाय रविवार को हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती है। हैदराबाद के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक करमनघाट हनुमान मंदिर को भी औरंगजेब ने तोड़ने का प्रयास किया था, लेकिन हनुमान जी के चमत्कार के चलते वह इस मंदिर का कुछ नहीं कर सका। तो आइए आपको इस मंदिर के उस रोचक इतिहास से रू-ब-रू कराते हैं, जिसके कारण यह मंदिर अद्वितीय है।

जब राजा ने सुना राम नाम का जाप

12वीं शताब्दी (सन् 1143 के आसपास) का दौर था। काकतीय वंश के राजा प्रोला द्वितीय जंगल में शिकार के लिए गए हुए थे। थक कर जब वह एक पेड़ के नीचे विश्राम करने लगे, तब उन्हें उस घने जंगल के बीचोंबीच भगवान राम का जाप सुनाई दिया। राजा को आश्चर्य हुआ कि इस जंगल में कौन है, जो भगवान राम का जाप कर रहा है। जब राजा उस स्थान पर पहुँचे तो उन्हें वहाँ हनुमान जी की एक अद्भुत बैठी हुई प्रतिमा दिखाई दी। इसी प्रतिमा के भीतर से भगवान राम के जाप की आवाज सुनाई दे रही थी। इसके बाद राजा अपनी राजधानी लौट आए और उन्होंने हनुमान जी के इस अद्भुत मंदिर की स्थापना की।

औरंगजेब के छूटे पसीने

करमनघाट मंदिर के निर्माण के लगभग 400 वर्षों के बाद यहाँ इस्लामिक आक्रांता औरंगजेब भी आया था। उस समय औरंगजेब भारत भर में हिन्दू मंदिरों को नष्ट करने के मिशन पर था और उसने कई मंदिरों को नष्ट भी कर दिया था। इसी क्रम में जब वह अपनी सेना के साथ इस मंदिर को तोड़ने के लिए आया तो उसकी सेना करमनघाट हनुमान मंदिर के परिसर के भीतर प्रवेश भी न कर सकी। गुस्से में औरंगजेब ने खुद मंदिर को नष्ट करने के लिए हथियार उठाया, लेकिन जैसे ही वह मंदिर के नजदीक पहुँचा, उसे एक भयंकर गर्जना सुनाई दी। इस आवाज को सुनकर औरंगजेब भय से काँप उठा और उसके हाथ से हथियार छूट गए।

उसी समय एक आकाशवाणी हुई, ‘मंदिर तोड़ना है राजा, तो कर मन घट’ जिसका मतलब था कि अगर मंदिर को तोड़ना चाहता है तो अपने मन (हृदय) को ताकतवर बना। हालाँकि, औरंगजेब इस घटना के बाद चुपचाप मंदिर से चला गया। इसी आकाशवाणी के कारण इस मंदिर का नाम करमनघाट हुआ।

मंदिर के विशेष विधान

खुद की रक्षा करने वाले हनुमान जी के इस मंदिर में कुछ विशेष लेकिन रोचक विधान हैं। मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा ध्यान मुद्रा में है, लेकिन उन्हें एक सैनिक के समान वेशभूषा पहनाई जाती है। इसके अलावा, यहाँ हनुमान जी की पूजा में नारियल का उपयोग किया जाता है।

इस मंदिर की एक अन्य रोचक परंपरा है। भारत के अन्य हनुमान मंदिरों में मंगलवार या शनिवार को हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व है, लेकिन करमनघाट का हनुमान मंदिर इस मामले में अलग। इस मंदिर में रविवार को विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है।

द्रविड़ शैली में बनाए गए इस मंदिर में हनुमान जी के अलावा श्री राम, भगवान शिव, देवी सरस्वती, माता पार्वती, संतोषी माता, भगवान वेणुगोपाल और भगवान जगन्नाथ स्वामी की प्रतिमाएँ स्थापित हैं। मंदिर में श्रीरामनवमी, हनुमान प्रकटोत्सव और अन्य हिन्दू त्यौहारों पर विशेष अनुष्ठान का आयोजन किया जाता है। मंदिर के प्रशासन द्वारा ‘अन्नदानम’ का आयोजन किया जाता है। इसके तहत भक्तों, गरीबों और असहाय लोगों को मुफ़्त में भोजन उपलब्ध कराया जाता है।

करमनघाट हनुमान मंदिर, हैदराबाद, तेलंगाना: कैसे पहुँचें?

हैदराबाद मुख्य शहर से करमनघाट हनुमान मंदिर की दूरी लगभग 10 किलोमीटर है। हैदराबाद में ही अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा स्थित है। मंदिर से हवाईअड्डे की दूरी लगभग 22 किलोमीटर है। इसके अलावा, सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन से करमनघाट मंदिर की दूरी लगभग 18 किलोमीटर है। सिकंदराबाद देश के लगभग सभी बड़े शहरों से रेलमार्ग से जुड़ा हुआ है। हैदराबाद के महात्मा गाँधी बस टर्मिनल से हनुमान मंदिर की दूरी 12 किलोमीटर है। नागपुर, चेन्नई, बेंगलुरु, अमरावती और कई अन्य शहरों से हैदराबाद बस के माध्यम से भी पहुँचना काफी आसान है।

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